लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के स्थानीय दस्तकारों तथा पारम्परिक कारीगरों के विकास के लिए ”विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना” लागू की गयी है। इसके अर्न्तगत पारम्परिक कारीगरों निर्धारित ट्रेडों के आवेदन पत्र 15 जुलाई तक पूर्व में आमंत्रित किये गये थे, परन्तु निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति न हो पाने के कारण अवशेष ट्रेड जैसेः- टोकरी बुनकर, बढ़ाई, नाई, सुनार, लोहार, राजमिस्त्री, मोची में पुनः आवेदन पत्र आंमत्रित किया जा रहा है।
संयुक्त उद्योग/उपायुक्त उद्योग लखनऊ पवन अग्रवाल ने आईपीएन को बताया कि इच्छुक पारम्परिक ट्रेडों के युवक-युवतियों को कार्यालय जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र, 8 कैण्ट रोड़ कैसरबाग, लखनऊ में 09 अगस्त तक किसी भी कार्यदिवस में प्रशिक्षण के लिए इन ट्रेडों में आवेदन-पत्र प्राप्त व जमा कर सकते है। इन सम्बन्धित ट्रेडों में कार्यालय में पूर्व में जमा किये गये आवेदन पत्रों में से अपूर्ण आवेदन पत्रों को पूर्ण किये जाने के लिए जनपद के अभ्यर्थी उक्त निर्धारित तिथि तक किसी भी कार्यदिवस में कार्यालय से सम्पर्क कर सकते है।
उन्होंने बताया कि आवेदक उ.प्र. का मूल निवासी होना चाहिए, आवेदक की आयु 18 वर्ष होनी चाहिए, योजनान्तर्गत शैक्षिक योग्यता की आवश्यकता नही है, आवेदक पारम्परिक कारीगरी से जुड़ा होना चाहिए (सम्बन्धित ट्रेड का प्रमाण पत्र), आवेदक किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक/वित्तीय संस्था/सरकारी संस्था इत्यादि का डिफाल्टर नहीं होना चाहिए, आवेदक द्वारा पूर्व में भारत सरकार/राज्य सरकार द्वारा संचालित किसी भी योजना से अच्छादित नहीं होना चाहिए। उन्होंने बताया कि परिवार का एक सदस्य ही योजनान्तर्गत पात्र है।