लखनऊ । प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि एग्री जंक्शन एवं एफपीओ ने किसानों के लिए बड़ा काम किया है। किसानों की जरुरत की सभी चीजें एक छत के नीचे मिल रही हैं। एग्री जंक्शन एवं एफपीओ पर किसानों का विश्वास स्थापित हो और यह विश्वास भविष्य में भी कायम रहे, इस पर ध्यान देना आवश्यक है।
कृषि निदेशालय के प्रेक्षागृह में एग्री जंक्शन एवं एफपीओ संचालकों के राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि किसानों की आय में वृद्धि के लिये खाद्य प्रसंस्करण एवं लाभकारी विपणन की ओर ध्यान देने की आवश्यकता है। एफपीओ पर सालाना लगने वाला आयकर विगत वर्ष भारत सरकार द्वारा समाप्त कर दिया गया है, जिससे एफपीओ की वार्षिक आय अब आयकर मुक्त हो गयी है।
उन्होंने एग्री जंक्शन एवं एफपीओ को उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बताते हुये कहा कि आज कृषि की दिशा बदलने की जरूरत है, जिसके लिये आवश्यक है कि किसान को उसके उत्पाद के समुचित रखरखाव के साथ-साथ उत्पाद का सही मूल्य भी प्राप्त हो। राज्य सरकार द्वारा संचालित मृदा स्वास्थ्य प्रयोगशाला की स्थापना सम्बन्धी योजना का कार्य एग्री जंक्शन को दिये जाने पर विचार किया जा रहा है। प्रयोगशाला की स्थापना की लागत पांच लाख रूपये के सापेक्ष मात्र एक लाख 25 हजार रूपये एग्री जंक्शन संचालक को लगाने होंगे, जबकि तीन लाख 75 हजार रूपये का अनुदान राज्य सरकार द्वारा दिया जायेगा।
कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि रहे कृषि राज्य मंत्री लाखन सिंह राजपूत ने भी अपनी बातों को रखा। उन्होंने कहा कि कृषि उद्यमिता ही किसानों के विकास का महामंत्र है। किसानों को अब मांग के अनुसार खेती पर ध्यान देना चाहिए। पारम्परिक खेती के स्थान पर बाजार में जिस उत्पाद की मांग सर्वाधिक है, उसकी खेती करके किसान अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं। सरकार ने किसानों की आय वर्ष 2022 तक दोगुनी करने का लक्ष्य निर्धारित किया है, परन्तु वर्तमान बाजार व्यवस्था में उत्पादन या उत्पादकता वृद्धि से किसानों की आय में वृद्धि होगी, इसकी कोई गारंटी नहीं है।
उन्होंने कहा कि वैश्विक परिवेश में देश और प्रदेश की कृषि की दिशा बदलना जरूरी है, ताकि किसानों की दशा में बदलाव हो सके। आज के किसान को केवल उत्पादक ही नहीं, बल्कि उद्यमी बनने की आवश्यकता है।