जीएसटी लागू होने के बाद उ.प्र. का लगातार बढ़ा कर राजस्व : मुख्यमंत्री

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशहित के लिए प्रत्येक सुधार को दृढ़ इच्छा शक्ति से लागू किया है। 30 जून व 01 जुलाई, 2017 की मध्य रात्रि को लागू की गयी जीएसटी कर प्रणाली प्रधानमंत्री जी की ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना साकार करने की दिशा में बड़ा कदम है। विगत दो वर्षों में, इस कर सुधार प्रणाली ने अपनी सफलता सिद्ध की है। जीएसटी की सफलता में उद्यमियों, व्यापारियों, कारोबारी संगठनों, विभागीय अधिकारियों, कर्मचारियों आदि सभी का सहयोग सम्मिलित है। उन्होंने कहा कि जीएसटी कर प्रणाली को और सरल, सुगम व सुदृढ़ बनाने के लिए संवाद और टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री सोमवार को बीबीडी विश्वविद्यालय के डॉ0 अखिलेश दास सभागार में केन्द्रीय जीएसटी एवं प्रदेश के वाणिज्य कर विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित जीएसटी द्वितीय स्थापना दिवस समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत एक विविधताओं से युक्त देश है। इसलिए ‘एक राष्ट्र, एक कर’ को लेकर काफी संदेह थे। जीएसटी की सफलता ने दर्शाया है कि अपनी विविधताओं के बावजूद एक और श्रेष्ठ भारत के लिए सभी भारतवासी प्रतिबद्ध हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी व्यवस्था ने प्रधानमंत्री की ‘डिजिटल इण्डिया’ की संकल्पना को भी साकार किया है। जीएसटी लागू होने के बाद ‘ई-वे बिल’ को लेकर व्यापारियों को कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। आज लांच किए गए ‘ई-वे बिल कलेक्शन’ एप के माध्यम से उनकी समस्याओं का समाधान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी सुधार को लागू करना चुनौतीपूर्ण होता है, किन्तु आवश्यकतानुसार संशोधनों से उसे उपयोगी बनाया जाना सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। जीएसटी काउन्सिल ने अब तक 35 बैठकें कर जीएसटी कर प्रणाली को निरन्तर बेहतर बनाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी का लागू होना मेरे लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण था, क्योंकि कुछ समय पर्व ही मैंने राज्य की बागडोर संभाली थी। प्रदेश की लगभग 23 करोड़ आबादी को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने और विकास कार्यक्रमों को संचालित करने के लिए धनराशि की आवश्यकता होती है। इसलिए जीएसटी का लागू होना हमारे लिए एक अवसर था। उन्होंने कहा कि प्रदेश के एक कंज्यूमर स्टेट तथा बड़ा बाजार होने के कारण वे आश्वस्त थे कि जीएसटी उत्तर प्रदेश के लोगों, उद्यमियों और व्यापारियों के लिए हितकर होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी लागू होने के पश्चात उत्तर प्रदेश का कर राजस्व लगातार बढ़ा है। इसमें अभी भी बढ़ोत्तरी की काफी सम्भावनाएं हैं। विगत एक-डेढ़ वर्ष में जीएसटी कर राजस्व में 20 से 22 हजार करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है और कुल जीएसटी कर राजस्व 70 हजार करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है। इसे एक लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाया जा सकता है। जीएसटी के तहत लगभग 16.50 लाख पंजीयन कराए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के वाणिज्य कर अधिकारियों से कहा कि लोकतंत्र में संवाद की शक्ति महत्वपूर्ण है। इसलिए उद्यमियों, व्यापारियों और व्यापारी संगठनों से संवाद के माध्यम से ही जीएसटी कर प्रणाली को लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि कानून मनुष्य के लिए बना है, मनुष्य कानून के लिए नहीं बना है। लक्ष्मी-गणेश की पूजा करने वाला प्रदेश का व्यापारी करचोरी में भरोसा नहीं करता। वह कर देना चाहता है। इसलिए कर संग्रह के लिए उत्पीड़न नहीं, बल्कि संवाद को माध्यम बनाया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि टेक्नोलॉजी के माध्यम से आम नागरिक के जीवन में क्रान्तिकारी परिवर्तन लाया जा सकता है। प्रदेश सरकार ने तकनीक के प्रयोग से प्रदेश में खाद्यान्न वितरण की प्रभावी व्यवस्था लागू की है। इस व्यवस्था के तहत कोई भी वैध राशन कार्ड धारक ‘ई-पॉस’ मशीन के माध्यम से किसी भी राशन वितरण की दुकान से राशन प्राप्त कर सकता है। यह व्यवस्था ‘एक प्रदेश एक राशन कार्ड’ की भांति है। इस व्यवस्था के लागू होने से जहां एक ओर सभी पात्र व्यक्तियों को राशन उपलब्ध हो रहा है, वहीं इससे राज्य सरकार को 120 करोड़ रुपए की बचत भी हो रही है।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने जीएसटी व्यवस्था के क्रियान्वयन में अग्रणी योगदान के लिए व्यापार जगत के प्रतिनिधियों, प्रदेश के वाणिज्य कर विभाग एवं केन्द्रीय जीएसटी के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किये। इस अवसर पर उन्होंने ‘ई-वे कलेक्शन एप’ का शुभारम्भ किया। साथ ही, जीएसटी की अब तक की यात्रा पर एक ‘कॉफी टेबल बुक’ एवं सीमा शुल्क आयुक्तालय, लखनऊ की पत्रिका ‘अवध मंजूषा’ का विमोचन भी किया। इस मौके पर सी0जीएसटी की लघु फिल्म ‘जजिया से जीएसटी तक’ का टीजर भी रिलीज किया गया।
प्रदेश के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने कहा कि यह कार्यक्रम कर प्रणाली के माध्यम से देश में क्रांतिकारी परिवर्तन के दो वर्ष पूरे होने की वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया है। जीएसटी लागू किए जाने में उद्यमियों, व्यापारियों, अधिकारियों तथा कर्मचारियों के सहयोग के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में जीएसटी लागू होने से कर राजस्व में तेजी से वृद्धि हुई है। जीएसटी काउन्सिल ने सर्वसम्मति से 200 से अधिक वस्तुओं को अधिक जीएसटी से कम जीएसटी स्लैब में शामिल किया है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सीजीएसटी के प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर लखनऊ जोन श्री राजीव टण्डन ने कहा कि जीएसटी कर प्रणाली से नई विकास यात्रा का शुभारम्भ हुआ है। इसके क्रियान्वयन से प्रधानमंत्री जी के देश को विश्व की 05 बड़ी अर्थ व्यवस्थाओं में शामिल करने का सपना साकार होगा। जीएसटी कर प्रणाली प्रधानमंत्री जी के ‘रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म’ के सूत्र की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने इसे ‘गुड और सिम्पल टैक्स’ बताते हुए इसे इकोनॉमिक रिफॉर्म के साथ सामाजिक सुधार का प्लेटफार्म भी बताया। कार्यक्रम को गेल के कार्यकारी निदेशकएन0वी0 रवि ने भी सम्बोधित किया।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव वाणिज्य कर आलोक सिन्हा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण, उद्यमी एवं व्यापारीगण उपस्थित थे।

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