सहारनपुर हिंसाः एक्शन में योगी, कमिश्नर, DIG, DM, SSP निलंबित, तुरंत हुई नई तैनाती

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सहारनपुर। ताजा घटनाओं से सख्त नाराज हैं। उन्होंने वरिष्ठ अफसरों को बुलाकर फटकार लगाई है, वहीं वहां के डीएम एनपी सिंह और एसएसपी सुभाष चंद्र दुबे को निलंबित कर दिया गया है। यही नहीं, डीआईजी केएस इमैन्युअल और कमिश्नर एमपी अग्रवाल को भी हटा दिया गया है।
पीके पांडेय सहारनपुर के नए डीएम और बब्लू कुमार नए एसएसपी बनाए गए हैं। नए तैनात किए गए अफसरों को विशेष विमान से सहारनपुर ज्वाइन कराने भेजा गया है। मुख्यमंत्री के इस ताजा फैसले के बारे में शासन ने अधिकृत पुष्टि कर दी है।

मुख्यमंत्री इस बात से खासे नाराज थे कि इतने दिन होने के बावजूद सहारनपुर में हिंसा क्यों नहीं थम रही है। बड़े अफसरों को भी वहां पर भेजा, लेकिन हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने एक पूरा प्रतिनिधिमंडल मंगलवार की शाम को वहां जायजा लेने भेजा।
उन्होंने इसके बाद आला अफसरों की बैठक बुलाई और कहा कि उनकी ओर से पुलिस-प्रशासन के कामकाज में कोई हस्तक्षेप नहीं किया जा रहा है। पूरी सख्ती, निष्पक्षता और पारदर्शी कार्रवाई के निर्देश के बावजूद हिंसा क्यों नहीं थम रही है। इसका मतलब अफसरों में काबिलियत नहीं है। यदि काबिलियत नहीं है तो उनको हटाकर तत्काल कार्रवाई की जाए। इस प्रकार योगी ने हिंसा थामने में अफसल रहे अफसरों पर अंतत: बुधवार की शाम को कार्रवाई करने का निर्णय कर ही लिया।

सहारनपुर में ऐसे बिगड़े हालात
5 मई 2017 : शब्बीरपुर गांव में दलितों-ठाकुरों के बीच झगड़ा, एक शख्स की मौत।
9 मई 2017 : दलितों की पुलिस से झड़प, 9 जगह हिंसा।
21 मई 2017 : दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन।
23 मई 2017 : मायावती के दौरे के बाद हिंसा, एक शख्स की मौत।
24 मई 2017 : गोली लगने से एक शख्स की मौत, एक  घायल।


हिंसा में धधक रहा सहारनपुर

  • बता दें कि यहां कानून-व्यवस्था को काबू में ना कर पाने वाले जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, उप जिलाधिकारी और पुलिस क्षेत्राधिकारी पर गाज गिरी है।
  • अधिकारियों की टीम ने इन चारों अफसरों पर हिंसा की जिम्मेदारी तय करने हुए निलंबित करने का प्रस्ताव शासन को भेजा है।
  • बता दें कि सहारनपुर के शब्बीरपुर में मंगलवार को बसपा प्रमुख मायावती के कार्यक्रम के बाद बडग़ांव क्षेत्र में बवाल बढ़ गया।
  • इससे कई गांव हिंसा की चपेट में आ गए।
  • इस हिंसा को देखते हुए शासन ने प्रदेश भर में हाई अलर्ट जारी कर दिया है।
  • सरकार ने हिंसा भड़काने वालों पर मेरठ जोन के एडीजी, मुजफ्फरनगर के एसएसपी को सहारनपुर कैंप करा दिया है।
  • पश्चिमी यूपी में जातीय रैलियों, आंदोलन, धरना-प्रदर्शन पर रोक है।
  • पूरे इलाके में पीएसी और आरएएफ की टुकडिय़ां डेरा डाले हैं।
  • हिंसा भड़कने से नाराज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रमुख सचिव गृह, डीजीपी को तलब कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली और उपद्रवियों पर सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया।
  • इसके बाद प्रदेश के सभी डीएम, एसएसपी को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश में स्पष्ट कहा गया है।
  • इस मामले में प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने बताया कि सचिव (गृह) मणि प्रसाद मिश्र, एडीजी (कानून व्यवस्था) आदित्य मिश्र, आइजी एसटीएफ अमिताभ यश, डीआइजी सुरक्षा विजय भूषण हालात को नियंत्रित करने में लगे हैं।
  • मेरठ जोन के एडीजी कैम्प कर रहे है।
  • पांच कंपनी अतिरिक्त पीएसी और दो कंपनी आरएएफ मौके पर है।
  • कुछ अधिकारियों को जातीय हिंसा पर अंकुश कर पाने में विफलता की कार्रवाई की गई है।
  • सचिव गृह के नेतृत्व में भेजा गया अधिकारियों का दल हिंसा नियंत्रित करने के लिए प्रभावी कार्रवाई करने के साथ ही हिंसा के लिए जिम्मेदारी भी तय कर रहा है।

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