
प्रयोग करने के कारण अयोग्य ठहराए गए एसआई और सिपाही पदों के 6,800
उम्मीदवारों के लिए सुप्रीम कोर्ट ने बिल्कुल शिक्षामित्रों जैसा समाधान
सुझाया है। कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा है कि वह इन उम्मीदवारों को सेवा
में लेने पर सोचे। साथ ही उन लोगों को भी सेवा में ले जिन्होंने हाईकोर्ट
में याचिका दायर कर व्हाइटनर का प्रयोग करने वालों का मुद्दा उठाया था।
हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वाले सात उम्मीदवार हैं। कोर्ट ने कहा कि
इन्हें सेवा में लेना जरूरी है नहीं तो उनके साथ अन्याय होगा क्योंकि
उन्होंने नियमों का पालन कर व्हाइटनर का प्रयोग न करते हुए परीक्षा दी। ऐसा
नहीं किया गया तो लगेगा कि जिन्होंने नियमों को तोड़कर परीक्षा पास की
उन्हें पुरस्कृत किया जा रहा है। इस परीक्षा में 6000 सिपाही और 800 एसआई
की भर्तियां होनी थी।
जस्टिस वी गोपाल गौड़ा एसए बोब्डे की पीठ ने मंगलवार को कहा कि व्हाइटनर
का प्रयोग कर उम्मीदवारों ने गलती की है। यह ठीक है कि इसके प्रयोग के बाद
भी उन्होंने पासिंग अंकों से ज्यादा अंक हासिल किए हैं। यदि हम इस गलती को
माफ करते हैं तो परीक्षा की पवित्रता बनाए रखना मुश्किल होगा और इससे गलत
नजीर स्थापित होगी। इसलिए हम हाईकोर्ट का फैसला रद्द नहीं करेंगे। चूंकि
समस्या मानवीय है और प्रदेश में पुलिस की 10,000 रिक्तियां हैं। इस
तथ्यात्मक स्थिति को देखते हुए हम एडवोकेट जनरल निर्देश देते हुए कि वह चयन
प्रक्रिया में शामिल उम्मीदवारों के हितों को देखते हुए समाधान के रास्तों
का प्रस्ताव दे और रिक्तियों की सही स्थिति बताए।
राजनैतिक समाधान
कोर्ट ने एडवोकेट जरनल विजय बहादुर सिंह से कहा कि सरकार को मामले
में राजनैतिक फैसला लेना चाहिए। यह उसके लिए बेहतर मौका है। क्योंकि
नियमों के चक्कर में फंसेंगे तो हमें अयोग्य ठहराए गए लोगों को रखने के
रखने का आदेश देने में दिक्कत होगी। सिंह ने कहा कि वह कोर्ट का इशारा समझ
गए हैं। सभी उम्मीदवारों को सेवा में लेंगे क्योंकि पुलिस में रिक्तियां
बनी हुई हैं। वह सरकार से बात करके 11 जनवरी को कोर्ट में पेश होंगे। कोर्ट
ने कहा कि रिक्तियों की स्थिति जानने के बाद हम तुरंत आदेश पारित करेंगे।
इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा अयोग्य ठहराए गए 1.72 लाख शिक्षामित्रों को भी
सुप्रीम कोर्ट ने इसी तरह सेवा में रखने का सोमवार को आदेश दिया था। वहीं
शिक्षामित्रों को रखने के खिलाफ याचिका दायर करने वालों को सुप्रीम कोर्ट
ने एडहाक रूप से सेवा में रखने का आदेश दिया था।
क्या था मामला
पुलिस भर्ती के लिए बैठे उम्मीदवारों को ओएमआर शीट में
ब्लेड/व्हाइटनर का प्रयोग करना मना था। इसमें लिखा था कि यदि व्हाइटनर का
प्रयोग किया तो उनकी पुस्तिका को पढ़ा नहीं जाएगा। इसके बावजूद उम्मीदवारों
ने काले किए गए गोले में लिखे उत्तर को मिटाने के लिए व्हाइटनर का प्रयोग
किया। उन्होंने मुख्य परीक्षा में भी यही दोहराया। लेकिन मशीन ने उनके
उत्तर पत्रक को पढ़ा और उन्हें पास घोषित कर दिया। इसके बाद उम्मीदवारों को
इंटरव्यू और ग्रुप डिस्कशन के लिए बुलाया और मार्च में उन्हें सफल घोषित कर
दिया गया। लेकिन सात उम्मीदवारों ने हाईकोर्ट में याचिका डाली जिसके बाद
हाईकोर्ट व्हाइटनर का प्रयोग करने वालों को अयोग्य घोषित कर दिया।