असम 61 और प. बंगाल में 31 सीटों पर मतदान जारी

0
602

नई दिल्ली : असम विधानसभा चुनाव के दूसरे और आखिरी चरण में 61 सीटों और पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के पहले चरण के दूसरे हिस्से के तहत 31 सीटों पर सोमवार सुबह सात बजे से मतदान चल रहा है।
असम में कांग्रेस, भाजपा-अगप-बीपीएफ गठबंधन और एआईयूडीएफ के बीच मुख्य मुकाबला है, जबकि पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को वाममोर्चा और कांग्रेस मिलकर टक्कर दे रहे हैं।

असम

निचले और मध्य असम के इलाके वाली इन सीटों पर 12,699 मतदान केंद्र हैं, जहां 1,04,35,271 मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग कर सकेंगे। इस चरण में 525 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं।

दूसरे चरण के लिए 50,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है। विशेष तौर पर बोडोलैंड क्षेत्र के जिलों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, जहां एनडीएफबी [एस] के उग्रवादी सक्रिय हैं। गोआलपाड़ा जिले में भी सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं, जहां हाल ही में बम विस्फोट हुआ था।
धुबरी जिले में भी कड़ी सतर्कता बरती जा रही है, जिसकी सीमा बांग्लादेश से लगी हुई है। इसी तरह भूटान की सीमा से सटे बकसा में कड़ी निगरानी होगी। असम में कुल 126 विधानसभा सीटें हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम में दोनों चरणों में भाजपा-अगप-बीपीएफ के मोर्चे के लिए चुनाव प्रचार किया। कांगेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी पार्टी का प्रचार किया।
कांग्रेस और भाजपा ने भ्रष्टाचार, घुसपैठ और भाई-भतीजावाद के मुद्दे लेकर एक दूसरे पर निशाना साधा। दूसरी तरफ एयूआईडीएफ का दावा है कि वह इस चुनाव में किंगमेकर बनने जा रही है। इस चरण के चुनाव के प्रमुख उम्मीदवारों में कांग्रेस के रकीबुल हसन, चंदन सरकार एवं नजरूल इस्लाम, अगप के पूर्व प्रमुख प्रफुल्ल महंत, एआईयूडीएफ के प्रमुख एवं डुबरी से सांसद बदरूद्दीन अजमल तथा कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हेमंत विश्व शर्मा शामिल हैं।
 
कांग्रेस 57, एआईयूडीएफ 47, भाजपा 35 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है। बोडो पीपुल्स फंट्र 10 और असम गण परिषद [अगप] 19 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। माकपा ने नौ और भाकपा ने पांच सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं।

पश्चिम बंगाल

पश्चिम बंगाल के पश्चिमी मिदनापुर, बांकुड़ा एवं वर्धमान जिलों की सीटों पर मतदान हो रहा है। इस चरण में कई विपक्षी नेताओं की किस्मत का फैसला होना है। इस चरण में कुल 163 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं जिनमें 21 महिलाएं शामिल हैं।

राज्य में सोमवार को सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक मतदान होना है जिस दौरान करीब 70 लाख मतदाता उम्मीदवारों की सियासी किस्मत का फैसला करेंगे। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस, वाम मोर्चा-कांग्रेस गठबंधन और भाजपा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। इन सभी 31 सीटों पर इन दलों ने अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सूर्यकांत मिश्रा इस चरण के उम्मीदवारों में सबसे प्रमुख नाम हैं। वह नारायणगढ़ सीट से पांच बार से विधायक बनने के लिये मैदान में उतरे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मानस भुइंया की सियासी किस्मत का फैसला भी होना है। वह सबांग सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। विधानसभा में सबसे वरिष्ठ सदस्य 91 वर्षीय ज्ञान सोहनलाल खड़गपुर सदर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुकाबला भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष से है।
 
पश्चिम बंगाल में इस चरण के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नियमित तौर पर प्रचार कर रही थीं। भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री मोदी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और गृहमंत्री राजनाथ सिंह सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने चुनाव प्रचार की कमान संभाली। कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी, माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने अपनी पार्टी के लिए वोट मांगे।

पश्चिम बंगाल में विपक्षी दलों ने सारदा घोटाले के अलावा हाल ही में सामने आए नारद स्टिंग कांड को लेकर भी तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधा। ममता ने मतदाताओं का आह्वान किया कि वह यह सोचते हुए मतदान करें कि मैं [ममता] सभी 294 सीटों पर चुनाव लड़ रही हूं।
 
राज्य में 8,565 मतदान केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान हो रहा है। मतदान केंद्रों पर सुरक्षा हालात को संभालने की जिम्मेदारी अर्धसैनिक बलों को दी गई है, जबकि कतारों को व्यवस्थित रखने एवं भीड़ को संभालने का काम राज्य पुलिस बल को सौंपा गया है। पश्चिम बंगाल में आगे पांच और चरणों का चुनाव होना बाकी है। राज्य में कुल 294 सीटे हैं।
   
असम और पश्चिम बंगाल में पहले चरण का मतदान चार अप्रैल को शांतिपूर्ण ढंग से हुआ था और 80 फीसदी से अधिक मतदान हुआ था। पहले चरण में पश्चिम बंगाल की 18 और असम की 65 सीटों पर मतदान हुआ था।
असम में भाजपा ने भारत-बांग्लादेश सीमा को पूरी तरह सील करके घुसपैठ पर लगाम लगाने का वादा किया और कांग्रेस ने दलील दी कि असम में कोई बांग्लादेशी नहीं है और तरूण गोगोई सरकार ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर को अपडेट करने के लिए कदम उठाया ताकि इस मुद्दे का समाधान हो सके।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here