लखनऊ । उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी :सपा: ने आज जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में 74 में से 60 सीटों पर कब्जा करके एक बड़ी जीत हासिल की। इसके दो बागी विधायकों के उम्मीदवार भी जीतने में सफल रहे हैं। सपा प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा, ”हमें 74 में से 60 सीटों पर जीत मिली है, जिनमें अमेठी सहित 36 जिलों में पार्टी सर्मथक उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए है। पार्टी की यह शानदार जीत है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र अमेठी में उनकी पार्टी की उम्मीदवार कृष्णा चौरसिया ऐन मौके पर मैदान से हट गई थी, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के क्षेत्र में पार्टी समर्थित उम्मीदवार ने जीत हासिल करके थोडी प्रतिष्ठा बचा ली है। 74 में से 60 सीटों पर जीत दर्ज करने के बावजूद सत्तारूढ सपा को सीतापुर और बिजनौर में फजीहत का सामना करना पडा है जहां इनके बागी विधायकों क्रमश: रामपाल यादव के बेटे जितेन्द्र और रूचिवीरा के पति उदयनवीरा ने सपा उम्मीदवार को धूल चटा दी। सीतापुर में बागी और सपा से निष्कासित जितेन्द्र यादव ने पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार सीमा गुप्ता को धूल चटाते हुए कुल पड़े 79 में से 45 वोट अपनी झोली में डाल लिए। रामपाल यादव को कल सपा से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया। जीत के बाद रामपाल यादव ने कहा कि वह ही असली समाजवादी है।
सपा प्रवक्ता चौधरी ने बहरहाल पार्टी की शानदार जीत को अखिलेश सरकार के कामकाज की कामयाबी बताते हुए दावा किया कि सपा 2017 में भी सरकार बनाएगी, जनता ने इस बात का संकेत दे दिया है।
भाजपा ने बहरहाल सत्तारूढ दल पर सरकारी मशीनरी और धनबल के दुरूपयोग का आरोप लगाया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेई ने कहा, ”सरकारी मशीनरी के भारी दुरूपयोग के बावजूद भाजपा को सात सीटें मिली हैं जो पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता का प्रमाण है। जनता 2017 में सत्ता परिवर्तन का फैसला कर चुकी है।
सपा प्रवक्ता चौधरी ने बहरहाल पार्टी की शानदार जीत को अखिलेश सरकार के कामकाज की कामयाबी बताते हुए दावा किया कि सपा 2017 में भी सरकार बनाएगी, जनता ने इस बात का संकेत दे दिया है।
भाजपा ने बहरहाल सत्तारूढ दल पर सरकारी मशीनरी और धनबल के दुरूपयोग का आरोप लगाया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेई ने कहा, ”सरकारी मशीनरी के भारी दुरूपयोग के बावजूद भाजपा को सात सीटें मिली हैं जो पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता का प्रमाण है। जनता 2017 में सत्ता परिवर्तन का फैसला कर चुकी है।