नई दिल्ली। पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले में बचे दो आतंकियों में से एक को मार गिराया गया है। हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार दोनों आतंकियों को घेर लिया गया था और पांचवे आतंकी को मौत के घाट उतार दिया गया। पाचवें आतंकी का शव कैंटीन वाली इमारत से बरामद किया गया है। इस इमारत को सेना ने टैंक से उड़ा दिया था जिसके बाद मलबे में आतंकी का शव मिला है। इसके बाद अब छठे आतंकी के लिए ऑपरेशन जारी है। इससे पहले तीसरे दिन सोमवार को सुबह से एक बार फिर अंदर से फायरिंग की आवाज सुनाई दे रही थीं। सेना के संयुक्त अभियान के बीच एक से दो बार एयरबेस में धमाके भी सुनाई दिए।
पठानकोट एयरबेस पर हमले का अलर्ट 16 महीने पहले ही कर दिया गया था, लेकिन इसके बावजूद भी हमले को नहीं रोका जा सकता। अगस्त 3014 में जासूसी के आरोप में एक जवान की गिरफ्तारी हुई थी। सूत्रों के अनुसार एक साल से पठानकोट पर हमले की साजिश रची जा रही थी। पुलिस ने बेस कैंप की जानकारी पाकिस्तान पहुंचाने के आरोप में 30 अगस्त को सेना के जवान सुनील कुमार को गिरफ्तार किया था। इस मामले में पुलिस वक्त पर चालान नहीं पेश कर पाई और सुनील कुमार को जमानत मिल गई। सुनील फेसबुक पर आईएस की कथित महिला के संपर्क में था। वहीं आईएस से जुड़े होने के शक में पिछले दो महीने में 14 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। बावजूद इसके पठानकोट एयरबेस पर हमला हो जाता है। इस हमले में अब तक 7 जवान शहीद हो गए हैं। वहीं 4 आतंकी भी मारे गए हैं। अभी भी ऑपरेशन खत्म नहीं हुआ है।
दो और आतंकी मारे गए
उधर, वायुसेना अड्डे में सुरक्षा बलों ने रविवार को दो अन्य आतंककारियों को मार गिराया। इन्होंने चार अन्य आतंककारियों के साथ इस अड्डे पर शनिवार को हमला कर दिया था। केंद्रीय गृहसचिव राजीव महर्षि ने नई दिल्ली में रविवार को कहा कि कथित तौर पर पाकिस्तान से आए आतंकी वायुसेना अड्डे के साजो-सामान नष्ट नहीं कर पाए, क्योंकि सुरक्षा बलों ने समय पर त्वरित कार्रवाई की।
पठानकोट वायुसेना अड्डे के कमान अधिकारी, एयर कमोडोर जे.एस. धमून ने मीडिया से कहा, घुसपैठियों, आतंककारियों से वायुसेना अड्डे को पूरी तरह मुक्त किए जाने तक अभियान जारी रहेगा। चार आतंककारियों को शनिवार को 15 घंटे चली मुठभेड़ में मार गिराया गया था। जवाबी कार्रवाई में एनएसजी, थलसेना और वायुसेना के कमांडो शामिल थे। वायुसेना के लड़ाकू हेलीकाप्टर मदद में थे।
रविवार शाम तक पठानकोट स्थित वायुसेना अड्डे से धुआं उड़ता हुआ देखा गया। उन्होंने कहा कि शनिवार को घंटों चली मुठभेड़ के बाद चार आतंककारियों को मार गिराया गया था। यह पता नहीं चल पाया था कि वहां अन्य आतंकी भी हैं या नहीं। महर्षि ने कहा कि लेकिन रविवार सुबह दो अतिरिक्त आतंककारियों के बारे में पता चला।
अब तक 7 जवान शहीद
महर्षि के अनुसार, आतंककारियों के साथ मुठभेड़ में वायुसेना के छह जवान शहीद हो गए और आठ अन्य घायल हो गए। रविवार सुबह एनएसजी का एक अधिकारी शहीद हो गया और उसके अन्य 12 साथी घायल हो गए। महर्षि ने यहां मीडिया से कहा, त्वरित कार्रवाई के कारण आतंकी अपने इच्छित लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाए, बल्कि उन्हें पेड़ों-झाडिय़ों के एक घने इलाके में घेर लिया गया।
आतंकियों ने की थी टैक्सी चालक की हत्या
उन्होंने यह भी कहा कि सुरक्षा बलों ने शनिवार को हुए हमले से पहले ही पठानकोट के निकट वायुसेना अड्डे सहित आसपास के इलाके में अलर्ट जारी कर दिया था। महर्षि ने कहा कि सभी प्रमुख प्रतिष्ठानों और सरकारी कार्यालयों को संभावित आतंकी हमले के बारे में पहले ही सूचित कर दिया गया था और उन आतंकवादियों को पकडऩे के प्रयास तेज कर दिए गए थे, जिन्होंने इसके पहले एक टैक्सी चालक की हत्या कर दी थी।
एयर कमोडोर धमून ने हमले के विवरण देते हुए कहा, देर रात तलाशी अभियान के दौरान एक समूह की गार्ड (वायुसेना कमांडो) के साथ मुठभेड़ शुरू हो गई। एक गार्ड शहीद हो गया और एक घायल हो गया। आतंकी वहां से भाग कर अन्य इमारतों की ओर चले गए। भागते समय वे गोलीबारी करते रहे।
उन्होंने कहा कि आतंकी भागते समय डीएससी (डिफेंस सर्विस कॉप्र्स) के मेस पर गोलीबारी की, जहां सुबह तड़के का नाश्ता तैयार हो रहा था। धमून ने कहा, डीएससी का एक जवान आतंककारियों के पीछे लपका और एक को पकड़ लिया। जवान ने आतंकी की ही राइफल से उसे मार गिराया। उसके बाद आतंककारियों की ओर से दागी गई एक गोली लगने से वह शहीद हो गया।
उन्होंने कहा, आतंककारियों को एक इलाके में घेर लिया गया और अभियान पूरी रात और अभी भी जारी है। उन्होंने कहा कि सात सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए हैं, जिसमें एक गार्ड कमांडो, पांच डीएससी से और एक एनएसजी का अधिकारी शामिल है। शनिवार शाम तक मारे गए आतंककारियों की संख्या और उनके खिलाफ अभियान की समाप्ति को लेकर भ्रम की स्थिति रही।
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को ट्वीट किया था कि अभियान समाप्त हो गया है और पांच आतंकी मारे गए हैं। लेकिन बाद में ट्वीट वापस ले लिया गया, क्योंकि यह स्पष्ट हुआ कि चार आतंकी मारे गए हैं और वायुसेना अड्डे में अतिरिक्त आतंकी अभी भी छिपे हो सकते हैं।
जिस इलाके में वायुसेना के मिग-21 लड़ाकू विमान, एमआई-35 लड़ाकू हेलीकॉप्टर और अन्य महत्वपूर्ण साजो-सामान थे, वह पूरी तरह सुरक्षित बना रहा। सेना, एनएसजी, वायुसेना कमांडो, अर्धसैनिक बलों और पंजाब पुलिस द्वारा वायुसेना अड्डे और आसपास के इलाकों में गहन तलाशी अभियान रविवार को जारी रहा।
वायुसेना के हेलीकाप्टर जमीन पर मौजूद जवानों की मदद के लिए वायुसेना अड्डे और आसपास के इलाकों के ऊपर पूरी रात और रविवार तड़के से उड़ान भरते रहे। वायुसेना अड्डे में रविवार सुबह और अपराह्न गोलीबारी और विस्फोटों की आवाजें सुनी गईं। पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने रविवार को कहा, सुरक्षा एजेंसियां दो आतंककारियों से मुठभेड़ में जुटी हुई हैं।
बादल ने पंजाब में पाकिस्तानी आतंककारियों द्वारा अंजाम दी गई दो बड़ी घटनाओं के मद्देनजर राज्य मेंं सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों की संख्या मजबूत बनाने की मांग की। बादल ने कहा, बीएसएफ की संख्या पर्याप्त नहीं है। वैसे यह (पंजाब) एक शांतिपूर्ण राज्य है, लेकिन बीएसएफ की संख्या कम है। हमें बीएसएफ की अधिक संख्या की जरूरत है, खासतौर से इस इलाके के लिए जो जम्मू एवं कश्मीर के साथ लगी सीमा से सटा हुआ है।
इस बीच शहीद एनएसजी अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल निरंजन कुमार के एक रिश्तेदार ने कहा कि उनका शव सोमवार को अंतिम संस्कार के लिए केरल में पलक्कड़ के पास स्थित उनके गृहनगर ले जाया जाएगा। निरंजन कुमार के माता-पिता केरल से हैं, और वे इस समय बेंगलूरु में बस गए हैं। कुमार के परिवार में पत्नी और दो वर्ष का एक बच्चा है।