पेरित :ऐजेन्सी: इतनी बड़ी संख्या में ये रिकॉर्ड जर्मन अखबार सुडूशे जीतुंग ने एक अज्ञात सूत्र से प्राप्त किए हैं और इसे अंतरराष्ट्रीय खोजी पत्रकार संघ (आईसीआईजे) के जरिए दुनिया भर के मीडिया के साथ साझा कर दिया. आईसीआईजे ने कहा कि इस जांच के तहत विदेशों में स्थित 2.14 लाख प्रतिष्ठानों से 1.15 करोड दस्तावेज प्राप्त किए गए. लीक हुए दस्तावेज पनामा की विधि फर्म मोजैक फोंसेका से आये. इस फर्म के 35 से भी अधिक देशों में दफ्तर हैं.
टैक्स बचाने के लिए दूसरे देशों में पैसा छिपाने के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा खुलासा हुआ है। पनामा की लॉ फर्म के 1.15 करोड़ टैक्स डॉक्युमेंट्स लीक हुए हैं। ये बताते हैं कि व्लादिमीर पुतिन, नवाज शरीफ, शी जिनपिंग और फुटबॉलर मैसी ने कैसे अपनी बड़ी दौलत टैक्स हैवन वाले देशों में जमा की। सवालों के घेरे में आए बड़े भारतीय नामों में अमिताभ बच्चन, ऐश्वर्या राय और डीएलएफ के प्रमोटर केपी सिंह शमिल हैं।
अमिताभ और ऐश्वर्या का नाम क्यों?
– अमिताभ : इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, अमिताभ को चार कंपनियों का डायरेक्टर बनाया गया था। इनमें से तीन बहामास में थीं, जबकि एक वर्जिन आइलैंड्स में थी। इन्हें 1993 में बनाया गया। इन कंपनियों की आॅथोराइज्ड कैपिटल 5 हजार से 50 हजार डॉलर के बीच थी। लेकिन ये कंपनिया उन शिप्स का कारोबार कर रही थीं, जिनकी कीमत करोड़ों में थी।
– ऐश्वर्या : इन्हें पहले एक कंपनी का डायरेक्टर बनया गया। बाद में उन्हें कंपनी का शेयर होल्डर डिक्लेयर कर दिया गया। कंपनी का नाम अमिक पार्टनर्स प्राइवेट लिमिटेड था। इसका हेडक्वार्टर वर्जिन आइलैंड्स में था। ऐश्वर्या के अलावा पिता के. राय, मां वृंदा राय और भाई आदित्य राय भी कंपनी में उनके पार्टनर थे। जानकारी के मुताबिक, यह कंपनी 2005 में बनाई गई। तीन साल बाद यानी 2008 में बंद हो गई थी।
8# भारत से और कितने बड़े नाम?
– गरवारे फैमिली: रोन्डर ओवरसीज लिमिटेड और दूसरी कई कंपनीज चलाती है। ये कंपनियां ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड्स और पनामा में हैं। लिस्ट में इस फैमिली के तीन लोगों अशोक गरवारे, आदित्य गरवारे और सुषमा गरवारे के नाम हैं।
– शिशिर के. बाजोरिया: हैप्टिक लिमिटेड (ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड्स) के नाम से रजिटस्टर्ड कंपनी। शिशिर बाजोरिया ग्रुप के प्रमोटर हैं जो जूट और टी का बिजनेस संभालती है। इस ग्रुप की स्टील यूनिट्स छह देशों में काम कर रही हैं। करीब 200 मिलियन डॉलर का टर्नओवर है।
– ओंकार कंवर: जे एंड एस सिस्टम्स कॉर्पोरेशन (ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड्स)। इनकी कंपनी अपोलो टायर्स बनाने के लिए ज्यादा मशहूर है। इन्होंने 2010 में जे एंड एस कॉर्पोरेशन नाम से कंपनी और 2014 में दो ट्रस्ट बनाए। इनका रजिस्ट्रेशन भी ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड्स में है।
– हरीश साल्वे: क्रेस्टब्राइट, पायबुश ग्रुप और एडनेवल ग्रुप लिमिटेड (ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड्स)। देश के सबसे मशहूर वकील हैं जो कई सेलिब्रिटीज की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश होते रहे हैं। साल्वे 1999 से 2002 तक सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया भी रहे। उनकी फैमिली के तीन मेंबर्स के नाम से तीन कंपनियां ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड्स में रजिस्टर्ड हैं।
कुशल पाल सिंह: देश की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी डीएलफ के प्रमोटर हैं। केपी. सिंह के नाम से मशहूर इस डीएलएफ प्रमोटर की पत्नी इंदिरा उस कंपनी (वाइल्डर लिमिटेड) में शेयर होल्डर हैं जो ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में रजिस्टर्ड है। सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा से लैंड डील को लेकर सिंह का नाम सुर्खियों में रहा था। 2011 में सिंह फोर्ब्स की ‘रिचर लिस्ट’ में 130 वें नंबर पर थे।
समीर गहलोत: रियल एस्टेट ग्रुप के प्रमोटर हैं। 2014 में समीर उनके पिता बलवान सिंह और भाई नागेंद्र तब चर्चा में आए जब उन्होंने लंदन में 87444 स्केवेयर फीट की प्रॉपर्टी अक्वायर की। इनकी तीन फर्म ब्रिटेन, बहामास और न्यूजर्सी में बताई गई हैं। टैक्स बचाने के लिए दूसरे देशों में पैसा छिपाने के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा खुलासा हुआ है। पनामा की लॉ फर्म के 1.15 करोड़ टैक्स डॉक्युमेंट्स लीक हुए हैं। ये बताते हैं कि व्लादिमीर पुतिन, नवाज शरीफ, शी जिनपिंग और फुटबॉलर मैसी ने कैसे अपनी बड़ी दौलत टैक्स हैवन वाले देशों में जमा की। सवालों के घेरे में आए बड़े भारतीय नामों में अमिताभ बच्चन, ऐश्वर्या राय और डीएलएफ के प्रमोटर केपी सिंह शमिल हैं।
अमिताभ और ऐश्वर्या का नाम क्यों?
– अमिताभ : इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, अमिताभ को चार कंपनियों का डायरेक्टर बनाया गया था। इनमें से तीन बहामास में थीं, जबकि एक वर्जिन आइलैंड्स में थी। इन्हें 1993 में बनाया गया। इन कंपनियों की आॅथोराइज्ड कैपिटल 5 हजार से 50 हजार डॉलर के बीच थी। लेकिन ये कंपनिया उन शिप्स का कारोबार कर रही थीं, जिनकी कीमत करोड़ों में थी।
– ऐश्वर्या : इन्हें पहले एक कंपनी का डायरेक्टर बनया गया। बाद में उन्हें कंपनी का शेयर होल्डर डिक्लेयर कर दिया गया। कंपनी का नाम अमिक पार्टनर्स प्राइवेट लिमिटेड था। इसका हेडक्वार्टर वर्जिन आइलैंड्स में था। ऐश्वर्या के अलावा पिता के. राय, मां वृंदा राय और भाई आदित्य राय भी कंपनी में उनके पार्टनर थे। जानकारी के मुताबिक, यह कंपनी 2005 में बनाई गई। तीन साल बाद यानी 2008 में बंद हो गई थी।
भारत से और कितने बड़े नाम?
– गरवारे फैमिली: रोन्डर ओवरसीज लिमिटेड और दूसरी कई कंपनीज चलाती है। ये कंपनियां ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड्स और पनामा में हैं। लिस्ट में इस फैमिली के तीन लोगों अशोक गरवारे, आदित्य गरवारे और सुषमा गरवारे के नाम हैं।
– शिशिर के. बाजोरिया: हैप्टिक लिमिटेड (ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड्स) के नाम से रजिटस्टर्ड कंपनी। शिशिर बाजोरिया ग्रुप के प्रमोटर हैं जो जूट और टी का बिजनेस संभालती है। इस ग्रुप की स्टील यूनिट्स छह देशों में काम कर रही हैं। करीब 200 मिलियन डॉलर का टर्नओवर है।
– ओंकार कंवर: जे एंड एस सिस्टम्स कॉर्पोरेशन (ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड्स)। इनकी कंपनी अपोलो टायर्स बनाने के लिए ज्यादा मशहूर है। इन्होंने 2010 में जे एंड एस कॉर्पोरेशन नाम से कंपनी और 2014 में दो ट्रस्ट बनाए। इनका रजिस्ट्रेशन भी ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड्स में है।
– हरीश साल्वे: क्रेस्टब्राइट, पायबुश ग्रुप और एडनेवल ग्रुप लिमिटेड (ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड्स)। देश के सबसे मशहूर वकील हैं जो कई सेलिब्रिटीज की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश होते रहे हैं। साल्वे 1999 से 2002 तक सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया भी रहे। उनकी फैमिली के तीन मेंबर्स के नाम से तीन कंपनियां ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड्स में रजिस्टर्ड हैं।
कुशल पाल सिंह: देश की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी डीएलफ के प्रमोटर हैं। केपी. सिंह के नाम से मशहूर इस डीएलएफ प्रमोटर की पत्नी इंदिरा उस कंपनी (वाइल्डर लिमिटेड) में शेयर होल्डर हैं जो ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में रजिस्टर्ड है। सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा से लैंड डील को लेकर सिंह का नाम सुर्खियों में रहा था। 2011 में सिंह फोर्ब्स की ‘रिचर लिस्ट’ में 130 वें नंबर पर थे।
समीर गहलोत: रियल एस्टेट ग्रुप के प्रमोटर हैं। 2014 में समीर उनके पिता बलवान सिंह और भाई नागेंद्र तब चर्चा में आए जब उन्होंने लंदन में 87444 स्केवेयर फीट की प्रॉपर्टी अक्वायर की। इनकी तीन फर्म ब्रिटेन, बहामास और न्यूजर्सी में बताई गई हैं।
जिन लोगों के नाम दस्तावेजों की इस भारी लीक में सामने आए हैं, उनपर इसका गंभीर राजनीतिक असर पड सकता है. आईसीआईजे की जांच में जिन लोगों के बारे में मुख्य दावे किए गए हैं, उनमें पुतिन के करीबी सहयोगी शामिल हैं. इन्होंने ‘‘बैंकों और छद्म कंपनियों के जरिए दो अरब डॉलर का गुप्त घालमेल किया.’ हालांकि इन नामों में पुतिन का नाम इसमें शामिल नहीं है.
आईसीआईजे ने कहा कि इन दस्तावेजों में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के परिवार का विदेशी कंपनियों से संबंध सामने आया है. शी खुद अपने देश में कड़ा भ्रष्टाचार रोधी अभियान चला चुके हैं.आइसलैंड में इन दस्तावेजों में प्रधानमंत्री सिगमुंदर डेविड गुनलॉग्सन और उनकी पत्नी द्वारा विदेशी कंपनी का गुप्त स्वामित्व रखने की बात कही गयी है. इस कंपनी ने देश के आर्थिक संकट के दौरान लाखों डॉलर आइसलैंडिक बैंक बॉंडों के रूप में रखे थे.
फीफा के आचार-नीति समिति के एक सदस्य जुआन पेड्रो दामियानी की विधिफर्म के उन तीन लोगों के साथ कारोबारी संबंध थे, जिनपर फीफा स्कैंडल में अभियोग लगाया गया था. ये तीन लोग थे- फीफा के पूर्व उपाध्यक्ष ई. फिगुरेडो, ह्यूगो जिंकिस और उनका बेटा मरियानो. इनपर लातिन अमेरिका में फुटबॉल प्रसारण अधिकार हासिल करने के लिए रिश्वत देने का आरोप था.
अर्जेंटीना के दिग्गज फुटबॉल खिलाडी मेस्सी और उसके पिता का पनामा की कंपनी मेगा स्टार एंटरप्राइजेज इंक पर स्वामित्व है. यह एक शेल कंपनी है, जो पिता-पुत्र के कर मामलों की स्पैनिश जांच में सामने नहीं आई थी. फ्रांसटीवीइंफो ने फुटबॉल जगत से यूईएफए के अध्यक्ष माइकल प्लेटिनी को पनामा स्थित कर कंपनी का लाभार्थी बताया है. फ्रांसटीवीइंफो ने हालांकि यह भी कहा है कि किसी अवैध गतिविधि का आरोप नहीं लगाया गया है.
प्लेटिनी की संचार सेवा ने एएफपी को भेजे गए एक बयान में कहा गया कि ‘‘उसके सभी खातों और संपत्तियों की जानकारी स्विट्जरलैंड के कर अधिकारियों को है. वह वर्ष 2007 से वहां का करदाता है.’