नई दिल्ली। देश की वायु सीमा को अभेद्य बनाने के लिए रक्षा मंत्रलय ने गुरुवार को रूस से घातक एस-400 मिसाइल की खरीद को मंजूरी दे दी। यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगले सप्ताह होने वाली रूस यात्र से पहले किया गया है। इस सौदे की कीमत बातचीत से तय की जाएगी। हालांकि, सूत्रों का मानना है कि मिसाइल सिस्टम एस-400 की पांच यूनिट की कीमत लगभग 40 हजार करोड़ रुपये होगी। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की अध्यक्षता में हुई रक्षा खरीद परिषद की बैठक में इस सौदे को मंजूरी दी गई। बैठक में इसके अलावा तीनों सेनाओं के लिए 25 हजार करोड़ रुपये के कई अन्य रक्षा सौदों को भी हरी झंडी दिखाई गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 23 दिसंबर को रूस जा रहे हैं और दो दिन की यात्र के दौरान वह रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ इस सौदे पर विस्तार से बातचीत करेंगे। माना जा रहा है कि एंटी बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम एस-400 खरीदने के बाद भारत, चीन या पाकिस्तान की ओर से किसी मिसाइल हमले की स्थिति में मुंहतोड़ जवाब दे सकेगा।
-इस रक्षा प्रणाली से 400 किलोमीटर की रेंज में किसी भी टारगेट को आसानी से मार गिराया जा सकता है
-यह रडार की पकड़ न आने वाली अमेरिकन एफ-35 फाइटर जेट को भी मार गिरा सकता है
-रूस की एस-400 रक्षा प्रणाली में अलग-अलग क्षमता की तीन तरह की मिसाइलें मौजूद हैं
-चीन ने भी यही मिसाइल सिस्टम खरीदने के लिए रूस के साथ एक साल पहले 3 अरब डॉलर की डील की थी
अन्य सौदे, जिन्हें मिली मंजूरी
रक्षा खरीद परिषद की बैठक में सेना की जरूरतों को देखते हुए पिनाका मल्टीबैरल रॉकेट लांचर सिस्टम की 6 रेजिमेंट की खरीद के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। ‘मेक इन इंडिया ’ योजना के तहत होने वाले इस सौदे की लागत 14 हजार 600 करोड़ रुपये होगी। पिनाका प्रणाली से पलक झपकते ही एक साथ कई रॉकेटों की बौछार की जा सकती है, जो 38 किलोमीटर के क्षेत्र में विध्वंस करने में सक्षम है। यह खरीद जरूरत के आधार पर की जाएगी। बैठक में 12 हजार करोड़ रुपये की लागत से 24 परंपरागत पेचौरा मिसाइल प्रणाली और नौसेना के लिए 9 हजार करोड़ रुपये की लागत से पांच फ्लीट स्पोर्ट शिप की खरीद के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई।