नई दिल्ली। सूचना का अधिकार :आरटीआई: कानून के तहत जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, 1953 से 2012 के दौरान देश के विभिन्न राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में बाढ़ के कारण औसतन 14 लाख मकानों को नुकसान पहुंचा जिससे 739 करोड़ रूपए का आर्थिक नुकसान हुआ। बाढ़ के कारण 62 वर्षो में औसतन 82.08 लाख हेक्टेयर इलाका प्रभावित हुआ और 46.46 लाख हेक्टेयर भूमि पर फसलें बर्बाद हुई। मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इन छह दशकों में औसतन 1499 करोड़ रूपए की फसलें बर्बाद हुई, 739 करोड़ रूपए के मकानों को नुकसान पहुंचा और सार्वजनिक सेवाओं को 2586 करोड़ रूपए के नुकसान का सामना करना पड़ा। आरटीआई के तहत प्राप्त जानकारी के अनुसार, 1953 से 2012 के बीच बाढ़ के कारण आंध्रप्रदेश में औसतन 348 लोग मारे गए, 5.1 लाख हेक्टेयर इलाका प्रभावित हुआ और 296 करोड़़ रूपए की फसलों को नुकसान पहुंचा। इस अवधि में बाढ से उत्तरप्रदेश में औसतन 298 लोग मारे गए, 17 लाख हेक्टेयर इलाका प्रभावित हुआ और 139 करोड़़ रूपए की फसलों को नुकसान पहुंचा।
। देश में पिछले 62 वर्षो के दौरान बाढ़ के कारण प्रति वर्ष औसतन 2130 लोग मारे गए और 1.2 लाख पशुओं का नुकसान हुआ जबकि औसतन 82.08 लाख हेक्टेयर इलाका प्रभावित हुआ, 1499 करोड़ रूपए मूल्य की फसलें बर्बाद हुईं और 14 लाख मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं।