
हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट में एक परिचर्चा के दौरान अखिलेश ने कांग्रेस उपाध्यक्ष की मौजूदगी में यह बात कही। इस बारे में पूछने पर राहुल गांधी ने टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या वह गांधी के साथ अपने अच्छे निजी संबंधों को कांग्रेस के साथ राजनीतिक स्तर पर ले जाना चाहते हैं। आप मुझसे यह इसलिए पूछ रहे हैं क्योंकि मैं समाजवादी हूं और आप यह भी कहते हैं कि मेरे पिता (मुलायम) मुझे डांटते हैं। मैं यह भी चाहता हूं कि नेताजी के सपने पूरे हों और मैं उनके लिए काम करूं। वह प्रधानमंत्री बनें और वह (राहुल की ओर इशारा करते हुए) उप प्रधानमंत्री। मेरी इसपर सहमति है और अगर यह स्वीकार्य हो तो अभी गठबंधन करने को तैयार हूं।
वह हालांकि इस सवाल को टाल गए कि उत्तर प्रदेश में 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए प्रतिद्वंद्वी बसपा के साथ क्या ऐसा गठबंधन संभव है, जैसा बिहार में जद-यू और राजद के बीच हुआ।
इसके जवाब में उन्होंने कहा, वह (मायावती) पत्थर के हाथी बनवाना पसंद करती हैं। इसलिए ऐसा कैसे संभव होगा। मैं आपको अपना फार्मूला पहले ही बता चुका हूं।
इससे पूर्व उन्होंने साफ शब्दों में कहा, इस मौके पर किसी गठबंधन की कोई बात नहीं। बेहतर होगा कि हम इसपर अभी बात नहीं करें।
भारत के सबसे अधिक जनसंख्या वाले राज्य के 42 वर्षीय मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि भाजपा और उसके किसी सहयोगी संगठन, जिस तरह की फूट डालते हैं और जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल करते हैं उसे देखते हुए उनके साथ कोई रिश्ता संभव नहीं है।