सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के 172000 शिक्षामित्रों के हटाने के आदेश पर रोक लगाई

0
575

इलाहाबाद। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के 1,72000
शिक्षामित्रों के हटाने के आदेश पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट का यह
फैसला उत्तर प्रदेश सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार और बेसिक शिक्षाबोर्ड की
अपीलों पर आया है। मामले की अगली सुनवाई 24 दिसंबर को होगी।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 12 सितम्बर को लगभग पौने दो लाख शिक्षामित्रों का
समायोजन को अवैध ठहराते हुए रद्द कर दिया है। इसके खिलाफ राज्य सरकार ने
सुप्रीम कोर्ट ने विशेष अनुज्ञा याचिका दायर की है। वहीं बेसिक शिक्षा
परिषद की ओर से भी एक याचिका दायर की गई है। इसके अलावा 20 से ज्यादा
याचिकाएं शिक्षामित्रों के संगठन, शिक्षामित्रों ने दायर की है। इसमें
प्राथमिक शिक्षामित्र संघ, इसके प्रदेश अध्यक्ष गाजी इमाम आला और आदर्श
शिक्षामित्र वेलफेयर संगठन के प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र शाही की याचिकाएं
प्रमुख हैं।

संगठन की ओर से पी चिदम्बरम, अमित सिब्बल, पराग त्रिपाठी, रंगीता रोहतगी
जैसे वकील किए गए हैं वहीं राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के
अध्यक्ष दुष्यंत दवे को खड़ा किया है।

राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से यूपी की शैक्षिक परिदृश्य का हवाला देते
हुए दया के आधार पर शिक्षामित्रों का समायोजन बहाल करने का अनुरोध किया है।
वहीं शिक्षामित्रों ने भी अपनी याचिकाओं में यह आधार बनाया है कि
शिक्षामित्रों को अप्रशिक्षित शिक्षक मानते हुए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा
परिषद ने भी प्रशिक्षण देने की अनुमति दी थी लिहाजा नियमों के मुताबिक
इन्हें टीईटी से छूट दी जाए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here