नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद उनकी बेटी महबूबा मुफ्ती का मुख्यमंत्री बनना लगभग तय है। अगर वह मुख्यमंत्री बनती हैं तो वह कश्मीर की पहली और देश की 16वीं महिला मुख्यमंत्री होंगी।
वर्तमान में वह अनंतनाग लोकसभा सीट से 16वीं लोकसभा में सांसद हैं। इससे पहले 15वीं लोकसभा में वह हार गई थीं। जबकि 14वीं लोकसभा में भी वह अनंतनाग से सांसद थीं। वह अभी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष भी हैं। अपने पिता मुफ्ती मोहम्मद की लंबी बीमारी के बाद वह कार्यकारी मुख्यमंत्री के तौर पर भी वर्तमान में काम कर रही हैं।
भाजपाः महबूबा बतौर CM मंजूर या होगी 3-3 की डील
भाजपाः महबूबा बतौर CM मंजूर या होगी 3-3 की डील
पिछली साल मार्च में करीब 49 दिन के राष्ट्रपति शासन के बाद कश्मीर में पीडीपी और भाजपा के गठबंधन की सरकार बनी थी। विधानसभा चुनाव में पीडीपी को 28 और भाजपा को 25 सीटें मिली थीं। उस दौरान दोनों ही पार्टी में समझौता हुआ मुफ्ती मोहम्मद सईद को पूरे छह साल के लिए मुख्यमंत्री चुना गया जबकि निर्मल सिंह भाजपा से बतौर उपमुख्यमंत्री चुने गए। शपथ ग्रहण के दौरान मुफ्ती और प्रधानमंत्री मोदी दोनों ने ही इस गठबंधन को ऐतिहासिक और कश्मीर को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाला बताया था।
अब मुफ्ती के निधन के बाद ये कह पाना आसान नहीं है कि भाजपा महबूबा को भी बतौर मुख्यमंत्री पूरे छह साल के लिए स्वीकार करेगी। वैसे भी ये माना जाता है कि महबूबा भाजपा से कम कांग्रेस के विचारों से ज्यादा नजदीक हैं। हालांकि भाजपा के पार्टी सूत्रों की मानें तो ये भी कहा जा रहा है कि अब गठबंधन में नई शर्त लागू हो सकती है। वह है महबूबा का तीन साल तक ही बतौर मुख्यमंत्री रहना बाकी अगले तीन साल इस पद पर भाजपा का प्रतिनिधि होगा।
महबूबा की निजी जिंदगी और राजनीतिक कॅरियर
महबूबा की निजी जिंदगी और राजनीतिक कॅरियर
महबूबा का जन्म अनंतनाग में ही अखरान नाउपोरा में 1959 को हुआ था। उन्होंने कश्मीर यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री भी ली। इसके बाद पारिवारिक जीवन में गईं। शादी की और दो बच्चे भी हुए। लेकिन कुछ सालों बाद इन्होंने तलाक ले लिया। इनका राजनीतिक कॅरियर 1996 से चमका जब वह कांग्रेस के टिकट पर बिजबेहरा से विधायक चुनकर गईं। इसी के बाद इनके पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद की कांग्रेस में वापसी हुई थी जिन्होंने नेशनल कांफ्रेंस से गठबंधन से आहत होकर पार्टी छोड़ दी थी। महबूबा की पहचान और महबूत हुई फारुख अब्दुल्ला के शासन काल में बतौर विपक्ष के नेता के तौर पर। भाजपा के उम्मीदवार डॉ. जितेंद्र सिंह को मुख्यमंत्री बनाने की योजना भी हो सकती है।