लखनऊ । बक्शी का तालाब स्थित शनिधाम शक्तिपीठ में रविवार को शनिदेव का 108 मंत्रों के बीच 15 किलो तेल के साथ महाअभिषेक किया गया। इस मौके पर शनिदेव से पहले श्रीगणेश व हनुमान का भी विधि पूर्वक महामंत्रों के साथ देसी घी व दूध-दही के साथ अभिषेक किया गया। शनिदेव को पीतल के बड़े आकार वाले 12 ज्योर्तिलिंग स्वरूप भी भक्तों ने भेंट में चढ़ाये। शनिदेव के साथ ही यहीं पर स्थापित मां बांग्लामुखी व पशुपतिनाथ का भी पूजन-अर्चन किया गया। पूजन कार्यक्रम के लिए यहां के पुजारी नरेश चंद्र रुवाली के साथ ही शनि सिग्नापुर के पांच विशेष पुजारी भी आये थे।
रविवार को सुबह से ही भक्तों का जमावड़ा लग गया था। घंटों व घड़ियालों के बीच यहां के पुजारी नरेश चंद्र रुवाली ने गणेश पूजन से कार्यक्रम की शुरुआत की। पूजन कार्यक्रम अपराह्न लगभग डेढ़ बजे तक चला। इसके बाद भजन मंडली के मधुर भजनों के बीच भक्तों का भंडारा जो शुरू हुआ। शाम छह बजे से झांकी के लिए भी श्रद्धालु बड़ी संख्या में जुटे। इन भक्तों ने हनुमान, शिव व राधा-कृष्ण का अभिनय करने वालाें का झूम कर अभिनंदन किया। भक्तों ने जगमग रोशनी के बीच झांकी का लुत्फ देर रात तक उठाया।
रुवाली ने बताया कि भव्य शक्तिपीठ धाम में सुबह सात बजे से दोपहर साढ़े 11 बजे तक शनि अभिषेक, रुद्राभिषेक, मां पीतांबरा का विशेष पूजन हुआ। उन्होंने बताया कि आज के दिन का जो ग्रह है, वह सूर्यपुत्र शनि से संचालित होता है। आज के दिन इस शनिपूजा के माध्यम से आप अद्भुत शक्तियों के मालिक बन सकते हैं। जीवन में जो चीजें आपको काफी संघर्ष के बाद मिलती है, वह आपको शनिदेव की कृपा से सहर्ष ही मिल जाती है।