केरल के मंदिर में आग लगने से 110 व्यक्तियों की मौत, मोदी ने लिया जायजा

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 कोल्लम। केरल में हुई एक बड़ी दुर्घटना में कोल्लम के पास स्थित 100 वर्ष पुराने पुत्तिंगल देवी मंदिर परिसर में आज आतिशबाजी के दौरान लगी भीषण आग में 1१0 व्यक्तियों की मौत हो गई और 383 अन्य घायल हो गए। आतिशबाजी के लिए अधिकारियों से कोई अनुमति नहीं ली गई थी।
 केरल सरकार ने हादसे की अपराध शाखा से जांच के साथ ही इसकी उच्च न्यायालय के एक अवकाशप्राप्त न्यायाधीश से न्यायिक जांच का भी आदेश दिया है। मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने यह घोषणा दुर्घटना को लेकर कैबिनेट की एक आपात बैठक के बाद की। चांडी ने पहले मृतक संख्या 102 बताई थी लेकिन उन्होंने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि नवीनतम आंकड़े के अनुसार 1१0 व्यक्तियों की मौत हुई है और 383 व्यक्ति घायल हुए हैं। घायलों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। उन्होंने कहा कि कम से कम 60 शवों की पहचान कर ली गई है। पोस्टमार्टम जल्द से जल्द कराया जाएगा और शवों को बिना किसी देरी के रिश्तेदारों को सौंपा जाएगा। चांडी ने कहा कि जिन शवों की पहचान नहीं की गई है उनकी पहचान के लिए वैज्ञानिक परीक्षण किया जाएगा।  चांडी ने आग में मारे गए व्यक्तियों के परिजनों के लिए 10-10 लाख रूपए के अनुग्रह राशि की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि गंभीर रूप से घायलों को दो..दो लाख रूपए और मामूली रूप से घायल को 50 हजार रूपए दिए जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना को ”हृदय विदारक और ”चौंकाने वाली बताया और मृतकों के परिजनों को दो…दो लाख रूपए मुआवजा और घायलों के लिए 50…50 हजार रूपए देने की घोषणा की। मोदी स्थिति का जायजा लेने और घायलों को देखने के लिए यहां निजी तौर पर आए।  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घटनास्थल का दौरा किया और हालात का जायजा लिया। केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी और गृह मंत्री रमेश चेन्नीतला प्रधानमंत्री को परिसर के पास ले गए और उन्हें घटना की जानकारी दी। मोदी घटनास्थल के पास गए जहां दो इमारतों के मलबे बिखरे थे जिनमें ‘कंबापुरा गोदाम शामिल है जहां पटाखे और आतिशबाजी की चीजें रखी हुई थीं। विस्फोट में ए इमारतें पूरी तरह जलकर खाक हो गईं।

 प्रधानमंत्री वहां करीब दस मिनट तक रहे। उन्होंने वहां कंक्रीट के खंभे, मुड़े तार वगैरह देखे। प्रधानमंत्री बाद में घायलों को देखने कोल्लम जिला अस्पताल गए।
 यह हादसा तड़के साढ़े तीन बजे मंदिर परिसर में आतिशबाजी के दौरान हुआ। यह मंदिर केरल की राजधानी तिरूवनंतपुरम से करीब 70 किलोमीटर दूर है।
 मंदिर में वार्षिक महोत्सव के तहत आधी रात में आतिशबाजी शुरू हुई। आतिशबाजी के लिए राजस्व और पुलिस अधिकारियों ने कोई अनुमति नहीं दी थी। आतिशबाजी देखने के लिए हजारों लोग मंदिर परिसर में एकत्रित हुए थे।
 पुलिस ने बताया कि यह दुर्घटना तब हुई जब आतिशबाजी के दौरान गोदाम ‘कंबपुरा में चिंगारियां गिरीं और वहां रखे पटाखों में कर्णभेदी आवाज के साथ विस्फोट हो गया।
 विस्फोट की आवाज एक किलोमीटर से अधिक के दायरे तक सुनी गई। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बिजली आपूर्ति के ठप्प हो जाने के कारण पूरा इलाका अंधेरे में डूब गया और लोग घबराहट में इधर-उधर भागने लगे।
 अग्निकांड के बाद जले हुए शव एवं मानव अंग प्रत्यंग मंदिर परिसर में बिखरे हुए थे।
 मुख्यमंत्री चांडी ने बताया कि कोल्लम की जिला कलेक्टर ने आतिशबाजी के लिए अनुमति नहीं दी थी।

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