
सिंह को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। मामले में गिरफ्तार किया गया वह दूसरा व्यक्ति है। इससे पहले प्रोजेक्ट इंजीनियर रामेंद्र को गिरफ्तार किया गया था जो सिंह को रिपोर्ट किया करता था। सूत्रों ने बताया कि शुरूआती जांच दर्शाती है कि एक स्थूल अनुमान के अनुसार 2,500 करोड़ रूपए से अधिक की परियोजनाओं को सिंह ने अपने कार्यकाल के दौरान मंजूरी दी थी जिनमें उसने करीब पांच प्रतिशत कमीशन लिया। सीबीआई ने अपने आरोपपत्र में कहा है कि नवंबर 2014 के अंत में सिंह ने आठ दिन के भीतर 959 करोड़ रूपए की कीमत के।,280 अनुबंध मुचलकों पर कथित रूप से हस्ताक्षर किए थे। सूत्रों ने कहा कि ए सिंह के साथ काम कर रहे कुछ अधिकारियों सहित नोएडा स्टाफ के बयानों पर आधारित अस्थाई आंकड़े हैं। सूत्रों ने कहा कि कथित रिश्वत का वास्तविक आंकड़ा काफी बढ़ सकता है। उन्होंने दावा किया कि अधिकारियों ने जांच एजेंसियों…आयकर और सीबीआई…को बताया कि सिंह ने कमीशन कथित तौर पर व्यक्तिगत रूप से लिया था जो अन्य रिश्वत राशि से उूपर था। सूत्रों ने कहा कि सीबीआई हिरासत में सिंह का सामना इस तरह के ब्योरे से कराया जा रहा है। सूत्रों ने कहा कि ए आरोप नोएडा के स्टाफ सदस्यों से पूछताछ में सामने आए हैं और सीबीआई उनके स्वतंत्र प्रमाणन की कोशिश कर रही है जो सिंह, उसके परिवार और साथियों के ‘मनी ट्रेल और विभिन्न कंपनियों में निवेश को भी जोडऩे का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि एजेंसी नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस वे के मुख्य अभियंता के रूप में सिंह के कार्यकाल के दौरान दिए गए प्रत्एक ठेके की पडताल कर रही है और उन ठेकों के लाभार्थियों की सीबीआई जांच करेगी। सूत्रों ने कहा कि सिंह को सीबीआई के दो मामलों का सामना करना पड़ रहा है। एक मामला ठेके देने में भ्रष्टाचार से जुड़ा है और दूसरा मामला उसके तथा उसके परिवार के नाम पर जुटाई गई संपत्तियों से संबंधित है जो उसकी आय के ज्ञात स्रोत से अधिक है।