नेताजी बोस से जुड़ी 100 गोपनीय फाइलें सार्वजनिक

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 नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज सुभाष चंद्र बोस की 119वीं जयंती पर उनसे जुड़ी 100 गोपनीय फाइलों की डिजिटल प्रतियां सार्वजनिक कीं जिन फाइलों से नेताजी के लापता होने संबंधी गुत्थी को समझने में कुछ मदद मिल सकेगी।
 भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार :एनआईए: में आयोजित समारोह के बाद एक अधिकारी ने बताया कि इन 100 फाइलों में 16,600 पन्नों का ऐतिहासिक दस्तावेज शामिल है जिनमें ब्रिटिश राज से लेकर साल 2013 तक के कालखंड के दस्तावेज हैं।
 प्रधानमंत्री ने फाइलों को औपचारिक रूप से सार्वजनिक किया और इनकी डिजिटल प्रतियां भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार में प्रदर्शित करने के लिए जारी कीं। प्रधानमंत्री ने एक बटन दबाकर इन फाइलों की प्रतियों को सार्वजनिक किया और उस समय सुषाभ चंद्र बोस के परिवार के सदस्य, केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा और बाबुल सुप्रियो मौजूद थे।  इन 100 फाइलों के अलावा एनआईए ने हर महीने बोस से जुड़ी 25 गोपनीय फाइलों को डिजिटल स्वरूप प्रदान करने और सार्वजनिक करने का निर्णय किया है। एनआईए ने बोस से जुड़ी फाइलों के भंडारण के लिए समर्पित वेबसाइट पेश किया।  बाद में मोदी और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों ने सार्वजनिक की गई इन फाइलों को देखा और वहां राष्ट्रीय अभिलेखागार में आधे घंटे तक रहे। उन्होंने बोस के परिवार के सदस्यों से भी बात की।  पिछले वर्ष अक्तूबर में प्रधानमंत्री ने नेताजी के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की थी और यह घोषणा की थी कि सरकार उनसे जुड़ी गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक करेगी। नेताजी के करीब 70 वर्ष पहले लापता होने के बारे में अभी भी रहस्य बरकरार है।  नेताजी के लापता होने से जुड़े विभिन्न पहलुओंं की जांच के लिए गठित दो आयोगों ने यह निष्कर्ष निकाला कि बोस की मृत्यु 18 अगस्त 1945 को ताइपेइ में विमान दुर्घटना में हुई जबकि न्यायमूर्ति एम के मुखर्जी के नेतृत्व में गठित तीसरे आयोग का यह निष्कर्ष नहीं था और उसका मानना था कि बोस इसके बाद भी जीवित थे। इस विवाद को लेकर नेताजी के परिवार में भी अलग अलग विचार सामने आए हैं।  इस संबंध में चार दिसंबर को प्रधानमंत्री कार्यालय ने 33 गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक किया था और उसे एनएआई को सौंपा था।  इसके बाद गृह और विदेश मंत्रालय ने नेताजी से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करने की प्रक्रिया शुरू की और इसे बाद में एनएआई को हस्तांतरित कर दिया गया।

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