वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने में दिलचस्पी दिखाई है। ट्रम्प ने मंगलवार को एक चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा, “कश्मीर एक जटिल स्थिति है। इस समस्या का धर्म से भी संबंध है। आपके पास हिंदू हैं और मुस्लिम भी हैं। मुझे नहीं लगता कि दोनों समुदाय अच्छे से साथ रह पाते हों। दोनों देशों के बीच बड़ी परेशानियां हैं। यह दशकों से चला आ रहा है। इसे सुलझाने के लिए मैं मध्यस्थता कर सकता हूं या फिर कुछ और बेहतर।”
ट्रम्प पहले भी कश्मीर मसले पर मध्यस्थता की बात कह चुके हैं। 22 जुलाई को पाक प्रधानमंत्री इमरान खान के अमेरिका दौरे पर ट्रम्प ने कहा था कि मोदी दो हफ्ते पहले उनके साथ थे और उन्होंने कश्मीर मामले पर मध्यस्थता की पेशकश की थी। हालांकि, भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर ट्रम्प के दावे को गलत बताया था। सरकार की तरफ से कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी और ट्रम्प ऐसी कोई बात नहीं हुई। भारत अपने निर्णय पर कायम है। पाकिस्तान के साथ सारे मसले द्विपक्षीय बातचीत के जरिए ही हल किए जाएंगे। इसके बाद 2 अगस्त को एक बार फिर रिपोर्टर्स के साथ बातचीत में ट्रम्प ने कहा था कि अगर भारत-पाक चाहेंगे तो उन्हें मध्यस्थता कर के खुशी होगी।
अनुच्छेद 370 हटने के बाद भारत-पाक से लगातार संपर्क में हैं ट्रम्प
इससे पहले रविवार को ट्रम्प ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत की। दोनों के बीच करीब 30 मिनट तक द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई। मोदी ने ट्रम्प के साथ बातचीत में कहा था- सीमा पार आतंकवाद को रोकना और आतंक व हिंसा से मुक्त माहौल बनाना क्षेत्र के लिए जरूरी है। उन्होंने ट्रम्प से अफगानिस्तान के विषय पर भी बात की। उन्होंने कहा कि भारत एकजुट, सुरक्षित और लोकतांत्रिक अफगानिस्तान के निर्माण के लिए लंबे समय से प्रतिबद्ध है।
ट्रम्प ने पाक प्रधानमंत्री से कहा था- तीखी बयानबाजी से बचो
इसके बाद ट्रम्प ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से फोन पर बात की। ट्रम्प ने इमरान को सलाह दी कि पाक भारत के खिलाफ तीखी बयानबाजी से बचे। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के हालात पर इमरान को भारत के साथ तनाव कम करने के लिए भी कहा। ट्रम्प और इमरान के बीच एक हफ्ते के अंदर दूसरी चर्चा थी। इससे पहले भी ट्रम्प ने इमरान को सलाह दी थी कि कश्मीर पाक और भारत का द्विपक्षीय मुद्दा है और इस पर किसी भी विवाद को सुलझाने के लिए भारत से अपनी तरफ से बात शुरू करें।