नई दिल्ली। चीन में फिर से कोरोना वायरस ने तबाही मचा रखी है। वहां कोविड-19 वायरस से संक्रमित मरीज़ों की संख्या में तेजी से हुए वृद्धि के चलते स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा सी गई है। इस महीने की शुरुआत में चीन (China) ने कोविड नीति के तहत लॉकडाउन (Lockdown) और क्वारंटीन प्रतिबंधों को हटा दिया था, तभी से वहां कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी है। वहीं अब लाखों लोग घरों में कैद होने के लिए मजबूर हो गए है। अन्य जगहों पर लोगों की जिंदगी अस्त व्यस्त हो गई है। चीन के शीर्ष महामारी विज्ञानी और स्वास्थ्य अर्थशास्त्री एरिक फेगल-डिंग ने आशंका जताई है। कि देश की करीब 60 फीसदी आबादी और दुनिया के करीब 10 प्रतिशत लोग अगले 90 दिनों में कोविड-19 से संक्रमित हो सकते हैं। और इससे लाखों लोगों की मौत हो सकती है। एरिक फेगल डिंग के इन अटकल से सवाल उठने लगा है। कोरोना वायरस क्या एक बार फिर से पूरी दुनिया में कहर मचाने वाला है? इसके साथ उन्होंने कोविड-19 संक्रमण से लाखों लोगों की मौत होने की भी आशंका जताई। कोरोना महामारी से इस समय चीन में खौफनाक मंजर चल रहा है। इसके साथ ही चीन में वर्तमान में ओमिक्रॉन के कुछ तेजी से फैलने वाले वैरिएंट मौजूद हैं। जिनमें बीएफ.7 भी शामिल है।
पिछले 7 दिन में 10 हजार की मौत
जापान में कोरोना से पिछले 7 दिन में 1670 लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा अमेरिका में भी 1607 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। वहीं दक्षिण कोरिया में 335, फ्रांस में 747, ब्राजील में 973, जर्मनी में 868, हॉन्गकॉन्ग में 226, ताइवान में 203, इटली में 397 लोगों की मौत कोरोना से हुई है।
पिछले 24 घंटे में कहां पर कितने केस?
पिछले 24 घंटे की बात करें तो अमेरिका में 22578 केस मिले हैं। वहीं जापान में 72297 केस, जर्मनी में 55016 केस, ब्राजील में 29579 केस, दक्षिण कोरिया में 26622 केस मिले हैं। फ्रांस में पिछले 24 घंटे में 8213 केस सामने आए हैं। ताइवान में 10359 और रूस में 6341 केस मिले हैं। वहीं, कोरोना से मौत की बात करें, तो अमेरिका में पिछले 24 घंटे में 140, फ्रांस में 178, जर्मनी में 161, ब्राजील में 140, जापान में 180 लोगों ने कोरोना से अपनी जान गंवाई है।
चीन में कोरोना के संक्रमण से भारत पर कितना होगा असर
चीन में तेज़ी से फैल रही कोविड-19 की इस लहर से भारत में लोगों को कितना खतरा है? इस सवाल पर कोविड-19 वर्किंग ग्रुप NTAGI के चेयरमैन डॉ. एनके अरोड़ा का कहना है। कि भारत में लोगों को इससे घबराने की जरूरत नहीं है। बता दें कि भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के आंकड़ों से भी पता चलता है। कि यहां यह घातक वायरल काफी हद तक काबू में हैं। सोमवार को आए आंकड़ों के मुताबिक, यहां देशभर में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के महज 135 नए मामले सामने आए हैं। वहीं इस दौरान 128 लोगों ने कोरोना को मात दी। ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, कोविड-19 मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.80 प्रतिशत है। और चीन से संक्रमितों के भारत आने के चांसेज भी न के बराबर हैं। भारत (India) ने कोविड की शुरुआत से ही चीन (China) की आने-जाने वाली उड़ानें रोक रखी हैं।
चीन में ही क्यों कोरोना वायरस ?
प्रोफ़ेसर वूलहाउस का कहना है, कि जनसंख्या के आंकड़ों और घनत्व के कारण यहां के लोग जानवरों के संपर्क में जल्दी आ जाते हैं। वो कहते हैं, कोई हैरानी नहीं है। कि चीन में ही आने वाले समय में कुछ ऐसा ही सुनना को मिले।
भारत सरकार अलर्ट
दुनिया भर में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य सचिव राजीव भूषण ने मंगलवार को NCDC और ICMR को चिट्ठी लिखी है। सरकार ने कहा है, कि कोविड के नए वैरिएंट की पहचान के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग जरूरी है। स्वास्थ्य सचिव ने सभी राज्यों को भी निर्देश देते हुए कहा है। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है, कि वे नए कोविड पॉजिटिव मरीजों का सैंपल INSACOG (Indian SARS-CoV-2 Genomics Consortium) प्रयोगशाला को भेजे ताकि वहां इस सैंपल का जिनोम सीक्वेंसिंग हो सके। और अगर कोरोना का कोई नया वैरिएंट पनपता है, तो उसे ट्रैक किया जा सके। बता दें कि इस वक्त केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और INSACOG देश में कोरोना के ट्रेंड पर नजर रखे हुए हैं।