लखनऊ। यूपी की राजनीति का आज एक और रंग दिखा है, उत्तर प्रदेश में बीजेपी की संसदीय दल की बैठक में योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री के तौर पर चुना गया है. आदित्यनाथ 19 मार्च को सीएम पद की शपथ लेंगे. योगी ने कहा कि हम सब मिलकर प्रदेश का विकास करेंगे. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यूपी बड़ा प्रदेश है और इसके लिए उन्हें दो सहयोगियों की जरूरत है. योगी आदित्यनाथ यूपी के 21वें मुख्यमंत्री होंगे.
उत्तराखंड के एक छोटे से गांव में पैदा हुए एक साधारण से इंसान कैसे बन गए इतने बड़े महंत। आइए हम आपको बता रहे हैं महंत योगी आदित्यनाथ उर्फ अजय सिंह की पूरी कहानी। योगी आदित्यनाथ का असली नाम अजय सिंह है। उनका जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड में हुआ था। उन्होंने गढ़वाल यूनिवर्सिटी से गणित में बीएससी किया है।वह गोरखपुर के प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिर के महंत हैं। आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर के पूर्व महंत अवैद्यनाथ के उत्तराधिकारी हैं। वह हिंदू युवा वाहिनी के संस्थापक भी हैं, जो कि हिन्दू युवाओं का सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी समूह है।
अवैद्यनाथ ने 1998 में राजनीति से संन्यास लिया और योगी आदित्यनाथ को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया। यहीं से योगी आदित्यनाथ की राजनीतिक पारी शुरू हुई है।1998 में गोरखपुर से 12वीं लोकसभा का चुनाव जीतकर योगी आदित्यनाथ संसद पहुंचे तो वह सबसे कम उम्र के सांसद थे।वह 26 साल की उम्र में पहली बार सांसद बने। 1998 से लगातार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
योगी की योग्यता
योगी आदित्यनाथ का वास्तविक नाम अजय सिंह नेगी है। उन्होंने हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से गणित से बी.एस.सी. किया है।
2014 में 5वीं बार बने सांसद
योगी उप्र भाजपा के बड़े चेहरे माने जाते थे। 2014 में पांचवी बार योगी सांसद बने।राजनीति के मैदान में आते ही योगी आदित्यनाथ ने सियासत की दूसरी डगर भी पकड़ ली।उन्होंने हिंदू युवा वाहिनी का गठन किया और धर्म परिवर्तन के खिलाफ मुहिम छेड़ दी। कट्टर हिंदुत्व की राह पर चलते हुए उन्होंने कई बार विवादित बयान दिए। योगी विवादों में बने रहे, लेकिन उनकी ताकत लगातार बढ़ती गई। 2007 में गोरखपुर में दंगे हुए तो योगी आदित्यनाथ को मुख्य आरोपी बनाया गया। इसमें उनकी गिरफ्तारी हुई और इस पर कोहराम भी मचा। योगी के खिलाफ कई अपराधिक मुकदमे भी दर्ज हुए।
चर्चा ये भी है कि संतुलन बनाने के लिए बीजेपी यूपी में दो डिप्टी सीएम बना सकती है. बता दें कि मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में योगी आदित्यनाथ, केशव प्रसाद मौर्य और मनोज सिन्हा का नाम सबसे आगे चल रहा था. बता दें कि गोरखपुर से सांसद योगी आदित्यनाथ को बीजेपी आलाकमान ने दिल्ली तलब किया था. आलाकमान ने योगी आदित्यनाथ को दिल्ली बुलाने के लिए विशेष विमान भेजा था.
योगी आदित्यनाथ भाजपा के फायरब्रांड नेताओं में शुमार हैं. पूर्वांचल की राजनीति में उनकी पकड़ अच्छी मानी जाती है. गोरखपुर से सांसद और गोरक्षनाथ पीठ के महंत योगी आदित्यनाथ कई बार अपने बयानों को लेकर भी चर्चा में रहते हैं. लव जेहाद और धर्मांतरण जैसे मसलों पर उन्होंने खुलकर अपनी बात रखी.
योगी आदित्यनाथ का असली नाम अजय सिंह
उत्तराखंड के एक छोटे से गांव में पैदा हुए अजय सिंह नेगी योगी आदित्यनाथ कैसे बने यह कहानी काफी रोचक है. उनका जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड में हुआ था, उन्होंने गढ़वाल विश्विद्यालय से गणित में बीएससी किया है. योगी आदित्यनाथ का नाम लोकसभा में पहुंचने वाले सबसे कम उम्र के सांसदों की सूची में भी शामिल है. गोखनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ ने उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित किया जिसके बाद 1998 में वह सांसद चुने गए.
योगी आदित्यनाथ जब 12वीं लोकसभा में सांसद बनकर पहुंचे तब उनकी उम्र मात्र 26 साल थी. इसके बाद आदित्यनाथ 1999, 2004, 2009 और 2014 में भी लगातार सांसद चुने जाते रहे. सितंबर 2014 में उनके गुरु महंत अवैद्यनाथ के प्राण त्यागने के बाद वह गोरखपुर मंदिर महंत यानी पीठाधीश्वर बने.
योगी आदित्यनाथ भाजपा के सांसद होने के साथ साथ हिंदू युवा वाहिनी के संस्थापक भी हैं. हिन्दू युवा वाहिनी युवाओं का एक सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी समूह है.
धर्मांतरण के खिलाफ योगी
योगी धर्मांतरण के खिलाफ और घर वापसी के लिए काफी चर्चा में रहे. 2005 में योगी आदित्यनाथ ने कथिततौर पर 1800 ईसाइयों का शुद्धीकरण कर हिन्दू धर्म में शामिल कराया. ईसाइयों के इस शुद्धीकरण का काम उत्तर प्रदेश के एटा जिले में किया गया.
2008 में हुआ था जानलेवा हमला
7 सितंबर 2008 को सांसद योगी आदित्यनाथ पर आजमगढ़ में जानलेवा हिंसक हमला हुआ था. इस हमले में वे बाल-बाल बचे थे, यह हमला इतना बड़ा था कि सौ से अधिक वाहनों को हमलावरों ने घेर लिया और लोगों को लहुलुहान कर दिया.
आइए आपको बताते हैं क्या है योगी आदित्यनाथ की रूटीन
योगी आदित्यनाथ रोज सूरज उगने से पहले यानि सुबह तीन बजे जग जाते हैं. इसके बाद नहा-धोकर वे पूजा करते हैं. गोरखनाथ मंदिर के महंत योगी आदित्यनाथ मंदिर के ठीक बगल वाली बिल्डिंग में ऊपर रहते हैं.
सुबह चार बजे योग करने के बाद योगी नीचे आते हैं और मुख्य मंदिर में पूजा-अर्चना करते हैं. पूजा के दौरान वे सबसे अंत में महंत अवैद्धनाथ के मंदिर में पूजा करते हैं. पूजा अर्चना के बाद योगी आदित्यानाथ गौशाला जाते हैं.
गौशाला में करीब 150 से 200 गायें हैं. गौशाला की सारी गायों को योगी अपने हाथों से चारा खिलाते हैं. गौशाला से सात बजे निकलने के बाद महंत योगी आदित्यनाथ नाश्ता करते हैं. अपने खाने में वे हल्का शाकाहारी भोजन लेते हैं.
आठ बजे के बाद योगी का जनता दरबार होता है. जिसमें गोरखपुर शहर के लोग आते हैं और अपनी समस्या लोग सुनाते हैं. योगी उनकी समस्याओं का निपटारा करते हैं. रात 10 से 11 बजे तक योगी सोने चले जाते हैं.