लखनऊ। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने जावीद अहमद की हाल में उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक डीजीपी पद पर नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है।
सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर की तरफ से दाखिल याचिका में आरोप लगाया गया था कि जावीद अहमद को उनसे वरिष्ठ 13 आईपीएस अधिकारियों की अनदेखी करके डीजीपी बनाया गया है। इनमें से आठ अफसर प्रदेश में ही तैनात हैं जबकि चार को प्रतिनियुक्ति पर तैनाती मिली है। न्यायमूर्ति श्रीनारायण शुक्ला और न्यायमूर्ति अशोक पाल सिंह की पीठ ने आज इस मामले में दिए फैसले में कहा कि याचिका चूंकि इस नियुक्ति से प्रभावित किसी व्यक्ति :अधिकारी: की तरफ से दाखिल नहीं की गई है, इसलिए खारिज की जा रही है। राज्य सरकार की तरफ से महाधिवक्ता विजय बहादुर सिंह, अपर महाधिवक्ता बुलबुल गोदियाल और मुख्य स्थाई अधिवक्ता मंसूर अहमद उपस्थित हुए। महाधिवक्ता ने नियमों का हवाला देते हुए दलील दी कि यह याचिका विचारणीय नहीं है, इसलिए इसे खारिज किया जाना चाहिए। याचिका में जावीद अहमद को पुलिस महानिदेशक पद से हटाने के आदेश देने का आग्रह किया गया था।