कानपुर। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को कानपुर में सीएए के विरोध में हिंसा के दौरान मारे गए तीन युवकों के परिजन से मुलाकात की। उन्होंने परिवारों को 5-5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी। इस मौके पर अखिलेश ने कहा- BJP सरकार के इशारे पर प्रदर्शनकारियों पर हमला किया गया। यदि हिंसा की जांच सुप्रीम कोर्ट के जजों की कमेटी से कराई जाए तो सच सामने आ जाएगा। कानपुर में 20 और 21 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हिंसा हुई थी।
अखिलेश ने BJP सरकार पर CAA के नाम देश को बांटने का आरोप लगाया। कहा- सरकार धर्म और जाति के नाम लोगों को बांट रही है। सरकार अंग्रेजों की नीति पर बांटो और राज करो की नीति पर है। अखिलेश ने कहा- दिसंबर माह में भाजपा सरकार के 300 विधायकों ने CM के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। इसके तुरंत बाद प्रदेश में हिंसा कराई गई। अब सभी चुप हैं और अपना-अपना अस्तित्व बचाने में जुटे हैं। हिंसा प्रदेश सरकार और अफसरों की नाकामी का उदाहरण है। नोटबंदी, जीएसटी या फिर टेनरी बंदी, प्रदेश और केंद्र सरकार हर जगह नाकाम साबित हुई है।
यहां बाबूपुरवा के ईदगाह मैदान में बीते 20 दिसंबर को CAA के विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा हो गई थी। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच जमकर पथराव हुआ था। प्रदर्शन इतना हिंसक हो गया था कि कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। तोड़फोड़ की गई। पुलिस ने रबर बुलेट और आंसू गैस के गोले दाग कर स्थित पर काबू पाया था। हिंसा में मुंशीपुरवा के मोहम्मद सैफ, मोहम्मद आफताब और बेगमपुरवा के रईस की जान गई थी। प्रशासन ने यहां 16 प्रदर्शनकारियों को 4।22 लाख की सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई की नोटिस भेजी है।
हिंसा में मारे गए युवकों के परिजन से मुलाकात कर रहे अखिलेश
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव प्रदेश में सीएए के विरोध में हिंसा के दौरान जान गंवाने वाले परिजन से मुलाकात कर रहे हैं। अखिलेश ने परिवार को पांच लाख रुपए आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया था। इसकी शुरुआत लखनऊ में हिंसा दौरान मारे गए ऑटो चालक वकील अहमद के परिवार से मुलाकात करके की थी।