JNU Protest : राष्ट्रपति भवन के पास मार्च कर रहे छात्र हिरासत में , बाद में छात्रों को छोड़ा

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Police detain demonstrators during a protest march against the attacks on the students of Jawaharlal Nehru University (JNU), in New Delhi, India, January 9, 2020. REUTERS/Anushree Fadnavis

नई दिल्ली। JNU परिसर में रविवार को हुई हिंसा के विरोध में छात्र संघ और शिक्षक संगठनों ने गुरुवार को रैली निकाली। सभी छात्र और शिक्षकों ने मार्च निकाला। छात्र जब राष्ट्रपति भवन की ओर जा रहे थे, तब पुलिस ने उन्हें रोका। छात्रों पर लाठीचार्ज किया गया और उन्हें बसों में भरकर वापस भेजा। प्रदर्शनकारियों ने कुलपति एम जगदीश कुमार के इस्तीफे की मांग की। छात्रों ने जेएनयू कैम्पस में हिंसा के जिम्मेदार लोगों को जल्द सजा देने और बढ़ी हॉस्टल फीस को वापस लेने की मांग की है।

इस बीच, जेएनयू प्रशासन ने 5 जनवरी को हुई हिंसा के मद्देनजर सुरक्षा में खामी की जांच कराने का फैसला किया है। जगदीश कुमार ने कहा- 5 सदस्यीय कमेटी सुरक्षा में कमियों की जांच करेगी। प्रदर्शन में छात्र घायल भी हुआ।

आदेश ऊपर से आएगा तो पुलिस क्या करेगी- केजरी

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जेएनयू हिंसा पर कहा- जब ऊपर से कानून-व्यवस्था न बनाने के आदेश मिलेंगे तो पुलिस क्या कर लेगी। अगर आदेश नहीं मानेगी तो सस्पेंड होगी। अगर आदेश आएगा कि हिंसा होने दो, हिंसा करने वालों को निकल जाने दो तो पुलिस क्या कर लेगी?

‘जगदीश कुमार के पद पर रहते यूनिवर्सिटी में शांति नहीं रह सकती’

जेएनयू शिक्षक संघ के अध्यक्ष डीके लोबियाल ने कहा, “जेएनयू, जामिया और दिल्ली यूनिवर्सिटी के टीचर्स एसोसिएशन समेत विभिन्न सिविल सोसाइटी भी प्रोटेस्ट मार्च में शामिल हुए। हम मानव संसाधन विकास मंत्रालय के दफ्तर तक मार्च करेंगे। हमारा मुख्य उद्देश्य मंत्रालय को इस बात से अवगत कराना है कि मौजूदा वीसी जगदीश कुमार के रहते हुए यूनिवर्सिटी में शांति नहीं रह सकती। हम उनके इस्तीफे की मांग करते हैं।”

जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने ट्विटर पर लिखा, “दिल्ली, भारत के छात्रों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए अब आपकी बारी है। आइए, यूनिवर्सिटी परिसर में हिंसा के खिलाफ और सरकारी शिक्षा के बचाव में मार्च करें। अपने हाथ में पोस्टर लेकर आएं और सभी नागरिकों के लिए दिल में प्यार रखें।”

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