लखनऊ (छविनाथ यादव)। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने सोमवार को कहा कि योगी आदित्यनाथ की भाजपा सरकार में भ्रष्टाचारियों की जगह जेल है। सरकार ने भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए हाल ही में सात पीपीएस अधिकारियों व दो पीसीएस अधिकारियों को भ्रष्टाचार के आरोप में सेवा से बर्खास्त कर दिया है। इसके साथ ही ऐसे अनेक अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध मुकदमे दर्ज कर जेल भेजा गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अभी भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत कर सख्त संदेश दिया है। सरकार ने पंचायती राज के उपनिदेशक सहित पांच पर भ्रष्टाचार के मामले में मुकदमा कराया है तथा होमगार्ड मानदेय घोटाले के जिम्मेदार दो कमांडेंटों को निलंबित किया है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही पुलिस भर्ती के समय अभ्यर्थियों के मेडिकल टेस्ट में गडबड़ी करने वाले डॉक्टर को गिरफ्तार किया गया है। गृह विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्ट और नाकारा पुलिसकर्मियों को जबरन सेवानिवृत्ति देने के निर्देश दिए थे। इसके साथ ही योगी सरकार ने प्रदेश के भ्रष्ट अधिकारियों की सूची तैयार की है। इस सूची में सैकड़ों अधिकारियों के नाम हैं। सैकड़ों भ्रष्ट अधिकारियों को चेतावनी जारी कर उनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
श्रीवास्तव ने कहा कि योगी सरकार ने पुलिस विभाग के लगभग 300 व अन्य विभागों के 200 से अधिक भ्रष्ट व काम न करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को समयपूर्व सेवानिवृत्ति दे दी है, जबकि 400 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों की पदोन्नति पर हमेशा के लिए रोक लगाते हुए सख्त दंड दिया गया है। यह भ्रष्टचार जीरो टॉलरेंस पर एक बड़ा और स्वागतयोग्य निर्णय है, जिसको लेकर आम जनता का भरोसा सरकार में और अधिक मजबूत हुआ है। भ्रष्टाचार में संलिप्त व काम न करने वाले आईएएस व आईपीएस अधिकारियों की सूची तैयार कर केंद्र सरकार को भेजी गई, जिससे इनके विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई हो सके। साथ ही जिन अधिकारियों की गतिविधियां संदिग्ध हैं और जिनके खिलाफ शिकायतें दर्ज हैं, उनकी सूची तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।