कन्नौज : सांसद सुब्रत पाठक ने लेमनग्रास की खेती का सुझाव दिया

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कन्नौज। स्थायी स्वरोजगार योजना के अंतर्गत लेमनग्रास के माध्यम से किसानों की आय बढाने हेतु एक सप्ताह के अन्दर कार्ययोजना बनाकर स्थल चिन्हित किये जाएँ। कन्नौज के सांसद सुब्रत पाठक ने कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बायो एनर्जी मिशन की बैठक की अध्यक्षता करते हुए सम्बंधित अधिकारियों को आज शाम यह निर्देश दिए | उन्होंने कहा कि लेमन ग्रास हेतु ऊष्ण तथा जलवायु जहाँ पर्याप्त धूप तथा वर्षा 200 से 250 से०मी० तक हो अथवा सिंचाई हेतु पर्याप्त मात्रा में पानी की व्यवस्था हो में इस लेमन ग्रास को आसानी से उगाया जा सकता है| उन्होंने यह भी बताया कि यह लेटेराईट मिटटी, कम वर्षा वाले क्षेत्र कम उपजाऊ तथा बरानी क्षेत्र एवं मृदा पी०एच० 9.0 तक में इसकी खेती की जा सकती है।

श्री पाठक ने यह भी निर्देश दिए कि लेमन ग्रास की रोपण से सम्बंधित जानकारी इच्छुक कृषकों को भी दी जाये जिससे वह अपनी निजी भूमि पर भी उक्त फसल की उत्पत्ति कर सकें | इस फसल को फरवरी, मार्च तथा जुलाई अगस्त में बोया जा सकता है | उन्होंने यह भी बताया कि पौधों को मेड़ों की ढाल पर लगाना चाहिए , जिससे सिंचाई आसानी से हो जाती है तथा पानी भी कम लगता है | इसके एक बार जम जाने के पश्चात लेमन ग्रास की फसल को ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती है| उन्होंने कहा

कि प्रथम बुवाई/रोपाई से लगभग 100 से 120 दिनों के बाद यह फसल प्रथम कटाई के लिए तैयार हो जाती है तथा नियमानुसार कटाई के उपरान्त फसल पुनः फिर से बढ़ने लगती है जो कि 80 से 100 दिनों में पुनः कटाई के लिए तैयार हो जाती है, इसकी फसल कटाई का कार्य फूल आने से पहले किया जाता है तथा नियमानुसार कार्यवाही करने के उपरान्त तेल की मात्रा बढती है।

जिलाधिकारी रवीन्द्र कुमार बोले
इस अवसर पर जिलाधिकारी रवीन्द्र कुमार ने कहा कि बांस के पौधों की कृषि हेतु काली नदी के आस पास के ग्रामों की सूची तैयार की जाए तथा कृषकों को चिन्हित कर बांस लगाने हेतु जागरूक किया जाए जिससे कृषकों की आये में बढ़ोतरी हो सके | उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि इस सम्बन्ध में एक सप्ताह में कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत की जाये | उन्होंने खण्ड विकास अधिकारी जलालाबाद को निर्देशित करते हुए कहा कि वह व्यक्तिगत रूचि लेकर इस कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन हेतु आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करें तथा लेमन ग्रास हेतु सभी खण्ड विकास अधिकारी अपने अपने क्षेत्रों में ऊसर एवं ग्राम समाज की जमीन को चिन्हित कर सूची प्रस्तुत करें | इसके अतिरिक्त कृषकों को जागरूक भी करें तथा उक्त फसल बुवाई हेतु मनरेगा की सहभागिता भी सुनिश्चित करें |

बैठक में प्रदेश संयोजक पी एस ओझा ने लेमन ग्रास, पामारोजा, सहजन, सतावर, सर्पगंधा, बांस, नीम, महुआ, करंज, खस आदि के सम्बन्ध में विस्तार से चर्चा करते हुए आवश्यक जानकारी दी। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी, जिला विकास अधिकारी, उपायुक्त मनरेगा, जिला कृषि अधिकारी, परियोजना निदेशक, जिला पंचायतराज अधिकारी, समस्त खण्ड विकास अधिकारी आदि अन्य सम्बंधित अधिकारी उपस्थित थे।

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