उत्तराखंड विधानसभा में शक्ति परीक्षण सात अप्रैल तक स्थगित

0
732
 नैनीताल। उत्तराखंड में राजनीतिक घटनाक्रमों को एक और मोड़ देते हुए उच्च न्यायालय की एक खंड पीठ ने विधानसभा में कल होने वाले शक्ति परीक्षण पर सात अप्रैल तक के लिए आज रोक लगा दी।
 एकल न्यायाधीश यूसी ध्यानी के आदेश पर रोक लगाते हुए मुख्य न्यायाधीश नायमूर्ति केएम जोसेफ की अध्यक्षता वाली दो न्यायाधीशों की खंड पीठ ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने को निवर्तमान मुख्यमंत्री हरीश रावत की एक रिट याचिका में चुनौती दिए जाने के मामले की अंतिम रूप से सुनवाई छह अप्रैल के लिए निर्धारित की है।  न्यायमूर्ति वीके बिष्ट की सदस्यता वाली पीठ ने एक संक्षिप्त आदेश में कहा, ”रिट याचिका का अंतिम रूप से निपटारा किए जाने के लिए सभी पक्षों की सहमति के मद्देनजर इसे 6:4:2016 के लिए निर्धारित किया जाता है, हम निर्देश देते हैं कि इन अपीलों में चुनौती दिए गए आदेश को 7:4: 2016 तक के लिए निलंबित अवस्था में रखा जाए।ÓÓ अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने केंद्र की ओर से पेश होते हुए कल के आदेश का सख्त विरोध किया और कहा कि अदालतें राष्ट्रपति शासन की घोषणा में दखलंदाजी नहीं कर सकती। इसके बाद खंडपीठ का यह आदेश आया।
 रोहतगी ने कहा, ”जब राष्ट्रपति शासन लागू है और विधानसभा निलंबित अवस्था में तब सदन में शक्ति परीक्षण कैसे हो सकता है।ÓÓ पीठ ने इस बात का जिक्र किया कि अटार्नी जनरल और रावत की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी इस बात पर राजी हुए हैं कि रिट याचिका का अंतिम रूप से निपटारा हो सकता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here