नई दिल्ली। अगले साल आईआईटी में दाखिला पाने की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए बड़ी खबर आई है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने आज ऐलान किया है कि साल 2017 से केवल उन्हीं छात्रों को Joint entrance exam में बैठने की अनुमति दी जाएगी, जिन्हें बारहवीं के इम्तहान में कम से कम 75 फीसदी नंबर मिले हों, या फिर वो अपने राज्य के बोर्ड के उन 20 छात्रों में शुमार हों जिनके सबसे ज्यादा फीसदी नंबर आए हैं।
SC/ST छात्रों के लिए रियायत:
एससी और एसटी वर्ग से आने वाले छात्रों के लिए न्यूनतम 65 फीसदी अंक की सीमा रखी गई है। मंत्रालय ने बताया कि यह फैसला अशोक मिश्रा कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद लिया गया है। वहीं JEE Main में अब बीरहवीं के नंबरों पर मिलने वाले 40 परसेंट वेटेज के मौजूदा सिस्टम को खत्म कर दिया गया है।
क्या हुआ बदलाव:
2017 के एकेडेमिक ईयर से JEE रैंकिंग में 12th के मार्क्स को 40% वेटेज देने का सिस्टम खत्म होगा।
JEE परीक्षा क्वालिफाई करने के लिए 12वीं में कम से कम 75% मार्क्स या टॉप 20 परसेंटाईल में होना जरूरी।
एसटी/एससी के छात्रों को JEE के लिए क्वालीफाई करने के लिए 12वी में 65% मार्क्स जरूरी।
आईआईटी फीस:
आईआईटी की फीस 90,000 रुपए से बढ़ाकर 2 लाख रुपए प्रति वर्ष करने का फैसला किया गया है। ये बढ़ी हुई फीस अगले एकेडेमिक सेशन से लागू होगी।
हालांकि आईआईटी काउंसिल ने फीस को 3 लाख प्रति वर्ष करने की सिफारिश की थी पर मंत्रालय ने इसे 2 लाख ही रखने का फैसला किया।
हालांकि गरीब छात्रों को बढ़ी हुई फीस के बोझ से राहत देने के लिए सरकार ने तैयारी की है। इसके तहत वो छात्र जिनके परिवार की सालाना आय एक लाख से कम है और वो एससी/एसटी, दिव्यांग है या बीपीएल परिवार से आते है उनको फीस पूरी तरह से माफ होगी।
साथ ही ऐसे छात्र जिनके परिवार की सालाना आय 5 लाख से कम है उनकी दो तिहाई फीस माफ होगी और अगर ऐसे छात्र चाहे तो बची हुई एक तिहाई फीस के लिए सरकार लोन भी करवाएगी।
इससे पहले 2013 में आईआईटी की फीस बढ़ाई गई थी।