जन इंडिया डेस्क : जन इंडिया परिवार की ओर आप सभी को नवरात्र एवं नव वर्ष संवत्सर की हार्दिक शुभकामनाएं, आप को बता दे कि कल शाम 4.55 बजे से चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि लग गई थी लेकिन आज सूर्योदय के समय इसी तिथि के रहने के कारण चैत्र नवरात्र 8 अप्रैल से शुरू होंगे। इस बार चतुर्थी तिथि का क्षय होने के कारण नवरात्र 8 दिन के ही होंगे।
कलश स्थापना का मुहूर्त
कलश स्थापना का मुहूर्त वैसे तो 8 अप्रैल को यानी आज सूर्योदय से लेकर 1 बजे दोपहर तक है, लेकिन इस बीच पड़ने वाले अभिजित मुहूर्त में कलश स्थापना की जाए, तो अत्यंत शुभ है। अभिजित मुहूर्त सुबह 11.30 बजे से लेकर दोपहर 12.29 बजे तक रहेगा। कलश स्थापना विधि ‘भविष्य पुराण’ में कलश स्थापना की विधि दी गई है। इसके अनुसार, साफ स्थान पर लकड़ी की चौकी रखकर उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछा लें। इस पर चावल छिड़कते हुए गणेश जी का स्मरण करें। मिट्टी के किसी उथले पात्र में काली मिट्टी डालकर जौ बो दें। इस पात्र पर जल से भरा हुआ आम के पत्तों से सजाया कलश स्थापित करें। उस पर रोली से स्वस्तिक चिह्न बनाएं और कलावा बांधें। कलश पर चावल से भरी कटोरी रखें और नारियल को चुनरी में लपेटकर कटोरी पर रख कर देवी का आह्वान करें।
दुर्गा सप्तशती पाठ
पूजन के बाद दुर्गा सप्तशती का पाठ अवश्य करें । कहते हैं दुर्गा सप्तशती में दुर्गा कवच, दुर्गा सप्तशती बीज मंत्र , अर्गला स्त्रोत व क्ष्मा प्रार्थना के पाठ से देवी प्रसन्न होती हैं।
8 दिन के नवरात्र
इस बार वासंतिक नवरात्र 8 दिन का ही रहेगा, क्योंकि काल-गणना के अनुसार, चतुर्थी तिथि की हानि हो रही है। इसलिए इस बार रविवार, 10 अप्रैल को तृतीया और चतुर्थी दोनों मनाई जाएंगी यानी इस दिन देवी के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा और चौथे स्वरूप मां कूष्मांडा की पूजा इसी दिन होगी। शुक्रवार, 15 अप्रैल को रामनवमी
मनाई जाएगी।