नई दिल्ली : आईडीबीआई बैंक से 900 करोड़ के लोन से जुड़े फ्रॉड केस में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच का सामना कर रहे कारोबारी विजय माल्या का पासपोर्ट सस्पेंड कर दिया गया है। विदेश मंत्रालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की दरख्वास्त पर यह कदम उठाया है। ईडी के सूत्रों ने कहा कि माल्या के पासपोर्ट रद्द होने के बाद अब उनका ब्रिटेन में रहना गैरकानूनी हो गया है। इसकी वजह से अब माल्या को भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है। ईडी उनके प्रत्यर्पण की मांग कर सकती है। बता दें कि ईडी ने 13 अप्रैल को रीजनल पासपोर्ट ऑफिस से मांग की थी कि माल्या के डिप्लोमैटिक पासपोर्ट को निरस्त किया जाए। इससे पहले, माल्या एजेंसी की ओर से की जा रही जांच के लिए बार बार समन भेजे जाने की बावजूद उपलब्ध नहीं हुए। ईडी का कहना था कि माल्या ने एजेंसी को सहयोग न करके मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी जांच की रफ्तार को सुस्त कर दिया है। बता दें कि माल्या की स्वामित्व वाली किंगफिशर एयरलाइंस पर बैकों का 7 हजार करोड़ से ज्यादा का बकाया है। किंगफिशर ने देश के 17 बैकों से 9 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का लोन ले रखा था। नियमों के कथित उल्लंघन के मामले में सीबीआई समेत कई एजेंसियां माल्या और उनकी कंपनी की जांच कर रही है। कर्ज के सेटलमेंट को लेकर भी सुप्रीम कोर्ट में एक मामले की सुनवाई हो रही है। सुप्रीम कोर्ट ने माल्या को निर्देश दिया था कि वे अपनी कुल संपत्ति का खुलासा करें। कोर्ट का यह आदेश तब आया जब बैकों ने माल्या की ओर से 4000 करोड़ रुपए चुकाने की पेशकश को खारिज कर दिया था। गैर जमानती वॉरंट जारी करने की मांग संकट में फंसे कारोबारी विजय माल्या की दिक्कतें उस समय और बढ़ गईं जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को ही विशेष पीएमएलए अदालत में याचिका दायर करके 900 करोड़ रूपए के आईडीबीआई कर्ज धोखाधड़ी मामले में उनके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी करने की मांग की। एक ईडी अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने उनके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी करने के लिए अदालत से अनुरोध किया है और शनिवार को सुनवाई हो सकती है।’