रियो डि जिनेरियो । तीन दिन बाद भी भारत की झोली में अभी तक एक भी पदक नहीं है। अभिनव बिंद्रा भारत की सबसे बड़ी उम्मीद थी लेकिन महज 0.1 पॉइंट से कांस्य पदक उनसे दूर हो गया। 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा के फाइनल इवेंट में अभिनव बिंद्रा 163.8 पॉइंट्स के साथ चौथे स्थान पर रहे। वहीं, रूस के व्लादिमीर मास्लेनिकोव ने सिर्फ एक पॉइंट की बढ़त हासिल कर कांस्य पदक कब्जा लिया। लेकिन, कहानी कुछ और होती यदि ऐन मुकाबले से पहले ही शूटर अभिनव की राइफल न टूटती।
ऐन वक्त पर टूट गई थी राइफल : कोच
अभिनव बिंद्रा के कोच हेंड रीनकिमियेर का कहना है कि मुकाबले से ठीक पहले जिस टेबल पर उनकी राइफल रखी थी, वह टूट गई। इसके चलते उन्हें अपनी स्पेशियली डिजाइन राइफल को बदलना पड़ा। संभवत: उनकी स्पेशल राइफल छिन जाने से ही वह पदक पर निशाना लगाने से चूक गए। हालांकि राइफल बदलने से परफॉर्मेंस पर असर पडऩे के सवाल पर अभिनव के कोच ने कहा कि यह फिलॉसफिकल सवाल है।
मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं!
दूसरा आेलंपिक पदक जीतने का सपना टूटने के बावजूद भारत के स्टार निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने कहा कि वह अपने प्रदर्शन से खुश हैं। बीजिंग आेलंपिक 2008 में बिंद्रा ने भारत को आेलंपिक की व्यक्तिगत स्पर्धा का पहला स्वर्ण दिलाया था। अपना पांचवां और आखिरी आेलंपिक खेल रहे बिंद्रा ने पत्रकारों से कहा कि एेसा होता है। किसी को चौथे नंबर पर रहना था और मैं रहा । मैने अच्छा प्रदर्शन किया । मैंने अपना सब कुछ दिया और आेलंपिक में दुनिया में चौथे स्थान पर रहकर अपने कैरियर से विदा ली । पदक जीतता तो और अच्छा होता।