लखनऊ। अभी कुछ महीने पहले ही समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने बाबरी मस्जिद को गिराए जाने के दौरान कारसेवकों पर गोली चलाने के आदेश पर अफ़सोस जताया था. लेकिन अब चुनावी वर्ष में उन्होंने इस बात से पलटी मारते हुए अपने आदेश को जायज ठहराया है.
उन्होंने कहा, “मैंने यह कदम देश की एकता बनाए रखने के लिए उठाया था.”
“कहते हैं अयोध्या में गोली चलने से 16 जाने गई. अगर 30 भी जाती तो देश की एकता के लिए मुझे मंजूर था.”
मुलायम सिंह यादव ने अपने कदम को जायज ठहराते हुए कहा कि अगर उन्होंने यह आदेश नहीं दिया होता तो हिंदुस्तान के मुसलमानों का देश से इतबार उठ जाता.
उन्होंने कहा 1990 में अयोध्या में देश की एकता बनाए रखने के लिए कारसेवकों पर गोली चलाने का आदेश दिया था. मुलायम ने कहा कि इस गोलीकांड में 16 लोगों की जान गई थी लेकिन अगर इसमें ज्यादा जानें भी जाती, तो भी मैं यही आदेश देता.
मुलायम सिंह ने कहा कि उनकी नज़र में हिंदू, मुस्लिम, सिख व ईसाई सब भारत के नागरिक हैं और देश की एकता के लिए उनका कदम सही था. मुलायम ने कहा कि अयोध्या में गोली चलाने पर उनको बहुत विरोध और आलोचना झेलनी पड़ी थी.
मुलायम ने कहा, ”अयोध्या कांड में गोली चलवाने से मेरी बहुत आलोचना हुई. लेकिन देश की एक मस्जिद बचाने के लिए यह जरूरी था. इसके लिए मुझे गोलियां चलवानी पड़ी. ‘उस समय संसद में जाने पर मुझे मानवता का हत्यारा कहा जाता था.”
उन्होंने कहा, ”समाजवाद का मतलब सबको साथ लेकर चलना है, देश की एकता, सामाजिक एकता के लिए भेदभाव नहीं होना चाहिए. देश की एकता के लिए साम्प्रदायिक भेदभाव दूर करना होगा. अमीर-गरीब के बीच की खाई पटनी चाहिए.”
गौरतलब है कि जनवरी 2016 में एक प्रोग्राम में मुलायम सिंह यादव ने कारसेवकों पर गोली चलाए जाने पर अफसोस जताया था. उन्होंने कहा था, ‘अयोध्या में कारसेवकों पर फायरिंग करवाने का मुझे दुख है लेकिन, धर्मस्थल को बचाना भी जरूरी था.”