शर्मनाक: रेलवे की खुली पोल, इन कारणों से हुआ मुजफ्फनगर ट्रेन हादसा !

0
923

मुजफ्फरनगर। शनिवार शाम उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर के खतौली में हुए ट्रेन हादसे पर हुआ बड़ा खुलासा, खतौली के स्टेशन सुपरिंटेंडेंट राजेंद्र सिंह ने एक टीवी न्‍यूज से बातचीत में दावा किया है कि- स्टेशन मास्टर को तकनीकी खराबी की कोई जानकारी नहीं थी। स्टेशन सुपरिंटेंडेंट ने कहा कि यह हादसा रेलवे के लिए एक कलंक है।
A mangled coach of Utkal Express train being hauled off by a crane at the accident site in Muzaffarnagar on Sunday. A preliminary probe has found that maintenance work was being carried out on tracks which might have caused derailment.
खुलासा नम्बर-1
गैंगमैन के ऑडियो में हादसे का सच सामने आया

  • रेलवे ट्रैक पर चल रहा था मरम्मत का काम,
  • पटरी जोड़ने से पहले आ गई ट्रेन,
  • ऑडियो से हुआ खुलासा

टूटी पटरी से उत्कल एक्सप्रेस ट्रेन को गुजारने में रेलवे की बड़ी लापरवाही का खुलासा एक गेटमैन के ऑडियो ने कर दिया है। कीमैन, गैंगमैन और जेई तक काटी पटरी को बिना वेल्डिंग लाइन में फिट कर चले गए। ट्रैक पर लाल झंडी भी नहीं लगाई गई थी। रोजमर्रा की तरह उत्कल धड़धड़ाते हुए गुजर रही थी, लेकिन चार डब्बे ही पार हो पाए और कटी पटरी का टुकड़ा उछलकर बाहर आ गया। इसके बाद अगले ही पल यह भयावह हादसा हो गया।
खतौली में सफेदा मोड़ फाटक के एक गेटमैन को रेलवे के एक पूर्व कर्मचारी का फोन आता है। हादसे के बाद हुई बातचीत का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
गेट मैन… हैलो रामराम भाई
दूसरा कर्मी… क्या हुआ था
गेट मैन… सुन लिया होगा
दूसरा कर्मी… हां सुन लिया, हुआ क्या
गेटमैन… भाई मेरे जैसा ही नया जेई आया है। वो मेरा नाम राशि है। उसकी कोई नहीं सुनता। काम कोई करना नहीं चाहता।
दूसरा कर्मी..अच्छा
गेटमैन.. आधा घंटा काम किया और क्वार्टर में जाकर लेट गए। पटरी की जांच के लिए कीमैन कोई नहीं जा रहा। मोटरसाइकिलों पर बैठकर कीमैनी हो रही है। पेट्रोलिंग भी गेट पर करके चले आते हैं। पुराने लोग जैसे कहते हैं, वैसा ही करता है।
दूसरा कर्मी… हां सुधीर बता रहा था…
गैंगमेन... तिलक राम के सामने पटरी पर वेल्डिंग चल रहा था। जेई ने कीब्लोकिंग मांगी, लेकिन मना कर दिया गया। पुराने रेलवे के कर्मचारियों की सलाह पर क्रैक हुआ मैन ट्रैक का टुकड़ा काट दिया गया। काटे गए टुकड़े को जोड़ा नहीं गया। मेरठ से उत्कल के आने का टाइम हो गया। सिग्नल मिलते ही मैंने फाटक बंद कर दिया। आगे कटी हुई लाइन को वेल्डिंग नहीं किया गया था। वैसे ही टुकड़े को पटरी के बीच में फिट कर दिया गया था।
दूसरा कर्मी…ऐसा कर दिया
गेट मैन…
अचानक चार डब्बे टूटी पटरी से गुजर गए, लेकिन बाकी बोगियां पलट गईं। वेल्डिंग मशीन मौके पर ही पड़ी थी। रेलवे कर्मचारियों ने निर्माण कार्य के स्थल पर लाल झंडी भी नहीं लगाई थी। उत्कल के ड्राइवर को कोई खतरे का आभास ही नहीं हुआ। मौके पर सारी पटरी चकनाचूर हो गई। लापरवाही से हादसा हुआ है, बेगुनाह लोग मारे गए। कोई भी कर्मचारी रेलवे ट्रैक की सुरक्षा की जिम्मेदारी नहीं निभा रहा है। जांच में अब न जाने कौन-कौन नपेंगे। जब ब्लॉकिंग नहीं मिला तो कम से कम लाल झंडा तो लगाना था। पटरी का टुकड़ा काटे बैठे थे।
दूसरा कर्मी… ये तो होना चाहिए
गैंगमेन…हादसे के बाद गैंगमैन टीम संख्या 15-16 मौके से भाग गई। अब सारे सस्पेंड होंगे। हालात बहुत खराब है। कोई काम करने को तैयार नहीं। कोई उखड़े हुए कटे पटरी में लगाने को तैयार नहीं। कोई बोल्ड कसने को तैयार नहीं। रेलवे अच्छी-खासी सैलरी दे रहा है इसके बावजूद लापरवाही की हद है। अपनी-अपनी चलाने के चक्कर में पटरी सुधारने में लगे कर्मचारियों ने बहुत बड़ी भूल कर दी। पटरी जोड़ने के समय निशान बोर्ड भी नहीं लगाया गया था। सब बुरा हाल है। आज तक खतौली में ऐसा हादसा नहीं हुआ।

दो दिन पहले भी टूटी रही थी पटरी

गैंगमैन के साथ बातचीत के ऑडियो में यह सच भी सामने आया है कि सकौती पुल के नीचे दो दिन पहले ही रेल की पटरी कई दिनों तक टूटी रही। गाड़ियां टूटी पटरी से ही गुजरती रही। जहां पटरी टूटी थी, वहां दो स्लिपर भी नीचे दब गए। अचानक पटरी की जांच में पता चला तो हाथ-पांव फूल गए। जेई को लापरवाही पर दिल्ली से नोटिस भी मिला था।

खुलासा नम्बर-2

  • सुपर स्‍पीड में भी उत्‍कल एक्‍सप्रेस, 
  • ड्राइवर को इमरजेंसी ब्रेक लगाना पड़ा

हादसे के बाद जांच में सिस्टम की एक और लापरवाही सामने आई है। जिस पटरी पर से ट्रेन को गुजरना था, उस पर काम चल रहा था। ट्रेन को धीमी गति से गुजारने के आदेश थे, लेकिन सिग्नल गड़बड़ होने से ड्राइवर को कॉशन की सूचना नहीं मिली। इस समय ट्रेन सुपर स्पीड में थी और 100 किमी से ज्यादा की रफ्तार से दौड़ रही थी, जिस वजह से पटरी उखड़ गई। पटरी से ज्यादातर ट्रेन के बीच के डिब्बे उतरे। इंजन और पहले दो डिब्बे निकल चुके थे। इस दौरान ड्राइवर इमरजेंसी ब्रेक भी नहीं लगा सका, क्योंकि पूरा सिस्टम ऑटोमैटिक होता है। आगे और पीछे के डिब्बे नहीं पलटे, बीच के डिब्बे पलटे हैं। वहां जो काम कर रहे थे बाद में वो भी भाग गए।

 खुलासा नम्बर-3
स्टेशन सुपरिंटेंडेंट ने भी किया बड़ा खुलासा
यही नहीं स्टेशन सुपरिंटेंडेंट के मुताबिक, जब ये हादसा हुआ तब स्टेशन मास्टर प्रकाश सिंह ड्यूटी पर थे, जिन्हें इंजीनियरिंग विभाग ने किसी तकनीकी खराबी की जानकारी नहीं दी थी। राजेंद्र सिंह के मुताबिक ट्रैक के मेंटेनेंस की ज़िम्मेदारी इंजीनियरिंग विभाग की होती है। अगर इंजीनियरिंग विभाग से सूचना मिलती तो ट्रेन रोकी जा सकती थी और ये बड़ा हादसा होने से बच जाता।

खतौली स्टेशन मास्टर राजेन्द्र सिंह ने बताया, इंजीनियरिंग विभाग स्टेशन मास्टर को ट्रैक के लिए मेमो देता है। स्टेशन मास्टर दिल्ली के सेक्शन कंट्रोल से ब्लॉक (समय, इतने बजे से इतने बजे तक) परमिट कराते हैं। जबकि खतौली स्टेशन पर किसी तरह का ब्लॉक नहीं लिया गया था जिसकी वजह से ये भयानक हादसा हुआ।

खुलासा नम्बर-4
राज्‍यमंत्री को किया गया गुमराह
खतौली में ट्रेन हादसे के बाद जहां रात में मौके पर पहुंचे रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने हादसे की उच्चस्तरीय जांच के निर्देश दिए। वहीं, रेलवे के अफसर पूरे मामले को दबाने में लगे रहे। यहां तक कि रेल राज्यमंत्री और अन्य नेताओं को भी अफसरों ने गुमराह किया। उस टूटी हुई पटरी को नहीं दिखाया, जिसका कारण इस बड़े और गंभीर हादसे को माना जा रहा है।

उत्कल ट्रेन हादसे के बाद डीजी रेलवे सुधीर कुमार (प्रभारी डीजी एनएसजी), एडीजी मेरठ जोन प्रशांत कुमार, मंडलायुक्त मेरठ डॉ. प्रभात कुमार, आईजी रेलवे विनोद कुमार, डीआईजी सहारनपुर, डीएम मुजफ्फरनगर, एसएसपी मुजफ्फरनगर और एसपी रेलवे केशव कुमार मौके पर पहुंचे। रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा और केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान ने मौके पर पहुंचकर रेलवे, पुलिस और प्रशासनिक अफसरों से इस हादसे के बारे में जानकारी ली, लेकिन तमाम अफसर पूरे मामले में चुप्पी साधे रहे।

मौके पर करीब तीन-चार हजार लोगों की भीड़ जमा थी। ऐसे में पुलिस फोर्स भीड़ को हटाकर नेताओं की सुरक्षा में लगी रही। रेल राज्यमंत्री ने इस दौरान मीडिया से कहा कि पूरे मामले में उच्चस्तरीय जांच के निर्देश दे दिए गए हैं, जो भी दोषी होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा।

रेल राज्यमंत्री के जाने के बाद फिर से पुलिस, प्रशासनिक और रेलवे के अधिकारी आपस में गुपचुप बात करने लगे। रेलवे के एक अधिकारी ने पुलिस और प्रशासन के अफसरों से कहा कि जांच तो चल रही है, लेकिन यह लापरवाही तो अपनी ही है। जिस स्थान पर पटरी टूटी थी, वहां हमारे कर्मचारी उसका टुकड़ा जोड़ रहे थे। तभी अचानक तेज रफ्तार से ट्रेन आ गई। टूटी हुई पटरी के कारण तेज रफ्तार ट्रेन के बाद ही हादसा हुआ है। यदि ट्रेन की स्पीड कम होती तो यह हादसा नहीं होता। तमाम अधिकारी आपस में अपनी ही कमियों को छुपाते रहे।

बहाल हुआ रेलवे ट्रैक, ट्रेनों का संचालन शुरू
मुजफ्फरनगर के खतौली में हुए रेल हादसे के करीब 30 घंटे बाद रेलवे ट्रैक बहाल हो गया। सोमवार सुबह से ट्रेनों का संचालन शुरू किया गया। बताया जाता है कि हादसे के बाद सबसे पहले दिल्ली अंबाला पैसेंजर ट्रैक से गुजरी। राहत-बचाव का कार्य तेजी से करते हुए रेलवे अधिकारियों ने ट्रैक बहाल किया। कलिंग उत्कल एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद सहारनपुर-दिल्ली ट्रैक बंद हुआ था।

4 इंजीनियर सस्पेंड, GM-DRM समेत कई अधिकारियों पर गिरी गाज
मुजफ्फरनगर रेल हादसे में सख्त कदम उठाते हुए सीनियर डिविजनल इंजीनियर, असिसटेंट डिविजनल इंजीनियर, सीनियर सेक्शन इंजीनियर, जेई पाथ-वे को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं चीफ ट्रैक इंजीनियर नार्दन रेलवे का ट्रांसफर कर दिया गया है। इसके अलावा दिल्ली के डीआरएम, नार्दन रेलवे के जीएम और मेंबर इंजीनियर रेलवे बोर्ड को छुट्टी पर भेज दिया गया है। इसके अलावा सात कर्मचारियों को भी सस्पेंड कर दिया गया है।

Based on the Prima Facie Cause of negligence on the part of P Way Maintenance Staff, General Manager Northern Railway has suspended following officials.
1. Sh R K Verma, Senior Divisional engineer, Delhi division
2. Sh Rohit Kumar, Assistant engineer, Meerut, Delhi division
3. Sh Inder Jeet Singh, Senior section engineer, muzzafarnagar
4. Sh Pradeep Kumar, Junior engineer, Khatauli

क्‍या है मामला?
उल्लेखनीय है कि मुजफ्फरनगर के खतौली में पुरी से हरिद्वार जा रही कलिंग उत्कल एक्सप्रेस की 14 बोगियां शनिवार की शाम पटरी से उतर गईं। हादसे में कम से कम 23 लोगों की मौत हो गई, जबकि 81 से अधिक घायल हुए हैं। शाम करीब 5.40 बजे हुए हादसे के तत्काल बाद बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौके पर पहुंच गए। थोड़ी ही देर में जिला प्रशासन की टीम, पुलिस और रेलवे अधिकारी मौके पर पहुंच कर युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य में जुट गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि रेल मंत्री और उत्तर प्रदेश सरकार पीड़ितों की हरसंभव सहायता कर रहे हैं। गाजियाबाद से 45 कर्मियों और खोजी कुत्तों के साथ एनडीआरएफ की दो टीमें घटनास्थल पर राहत और बचाव कार्य कर रही हैं। दुर्घटना का कारण अभी स्पष्ट नहीं हो सका है, लेकिन जहां दुर्घटना हुई है वहां शुक्रवार की रात ट्रैक में क्रैक का पता चला था। सुबह से ही इसकी मरम्मत का काम चल रहा था। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां से कई ट्रेनों को एहतियातन धीमी गति से चलाया गया, लेकिन उत्कल एक्सप्रेस की गति काफी तेज थी।

रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने दुर्घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और कहा कि वह खुद हालात पर नजर रख रहे हैं। घटना के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हादसा इतना जबरदस्त था कि तीन बोगियां एक दूसरे के ऊपर चढ़ गईं। बोगियों को काटकर अंदर फंसे लोगों को बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है। दो बोगी ट्रैक से उतरकर तिलकराम इंटर कालेज की दीवार से टकराकर रुकीं। एक बोगी जगत कालोनी गेट के पास स्थित एक मकान में घुस गई। यहां से पांच-छह घायलों को निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया। छह बोगी इंजन के साथ आगे चली गईं, करीब एक किलोमीटर आगे जाकर चालक ने ट्रेन को रोका। हादसे के बाद ट्रेन में सवार यात्रियों में चीख पुकार मच गई। लोगों ने घायलों को बोगियों से निकाल कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। मृतकों में कई महिलाएं और एक बच्ची भी है। इसके अलावा यहां लाए गए 60 घायलों का प्राथमिक उपचार किया गया। गंभीर घायलों को बेगराजपुर मेडिकल कॉलेज और मेरठ मेडिकल कालेज अस्पताल भेजा गया। कुछ को निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। आसपास के जिलों की एंबुलेंस भी खतौली बुला ली गई हैं। मृतकों की अभी पहचान नहीं हो पाई है। मौके पर पहुंचे केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि पीड़ितों को हरसंभव मदद उपलब्ध कराई जा रही है।

Utkal Express derailment: No terror angle so far, says UP police

Minister of State for Railways Manoj Sinha today said there would be unprecedented action against those found guilty in the inquiry report of the Kalinga Utkal Express derailment.

The derailment in Khatauli in Muzaffarnagar district on Saturday evening killed 22 people and injured 156, 26 of whom are in a critical condition.

Cracking the whip, the railways sent three top officials, including a secretary-level Railway Board official, on leave, suspended four officers and transferred one.

Stressing that action had already been initiated against officials, Mr Sinha said, “Once the report comes…the action will be such that has not been seen before.”

“On preliminary basis… things that have come to light…based on it I feel that the most stringent action has been taken in the history of the railways,” Mr Sinha told reporters on the sidelines of the ITU-TRAI Asia Pacific Regulators Roundtable.

Asked whether the preliminary report had pointed to human error for the train mishap, Mr Sinha said, “You are wrongly informed, the inquiry is going on.”

Mohd Jamshed, member traffic, railways, had said in a press briefing yesterday that equipment to repair tracks were found at the accident spot and that the Commissioner Railway Safety would investigate if unauthorised repair work led to the tragedy.

Following the tragedy, member (engineering) in the Railway Board, the Northern Railway general manager and the divisional regional manager (Delhi) were sent on leave.

The railways also suspended four officials — senior divisional engineer, assistant engineer, a senior section engineer (Permanent Way) — responsible for track maintenance and a junior engineer.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here