लखनऊ: बलिया से सपा विधायक और अखिलेश सरकार के मंत्री नारद राय ने रविवार को बीएसपी का दामन थाम लिया. समाजवादी पार्टी से टिकट नहीं मिलने के कारण ऐसे कायास लगाए जा रहे थे कि नारद राय बीएसपी से जुड़ सकते है.
बता दें, कि बीएसपी के महासचिव और राज्यसभा सांसद सतीश चन्द्र मिश्र ने पूर्व सपा नेता नारद राय को बसपा की सदस्यता ग्रहण करायी. जिसके बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने बलिया से नारद राय को प्रत्याशी बना दिया है.
बसपा में शामिल हुए नारद राय ने कहा कि, अखिलेश यादव ने मुझे बहुत अपमानित किया.उन्होंने आगे कहा कि, जैसा की सभी जानते हैं कि, उन्होंने मुझे दो बार अपने कैबिनेट से निकाला गया. इसी कारण हमने समाजवादी पार्टी छोड़ी है. अब मैं अपनी बची हुई जिन्दगी बसपा के नाम करता हूँ.
यूपी में सात चरणों में वोटिंग
उत्तर प्रदेश में 11 फरवरी से 8 मार्च के बीच सात चरणों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. कांग्रेस, राष्ट्रीय लोक दल और समाजवादी पार्टी के अखिलेश धड़े के बीच गठबंध के बावजूद बहुकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा.
केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने के बाद जिस तरह से बीजेपी को दिल्ली और बिहार में करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है, वैसे में उत्तर प्रदेश का चुनाव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है.
मुख्यमंत्री चेहरे को सामने न लाकर एक बार फिर बीजेपी ने पीएम मोदी के चेहरे पर दांव खेला है. इसका कितना फायदा उसे इन चुनावों में मिलेगा वह 11 मार्च को सामने आ ही जाएगा.
ये होंगे मुद्दे
इस बार उत्तर प्रदेश चुनावों में समाजवादी पार्टी में मचे घमासान के अलावा प्रदेश की कानून-व्यवस्था, सर्जिकल स्ट्राइक, नोटबंदी और विकास का मुद्दा प्रमुख रहने वाला है. जहां एक ओर बीजेपी और बसपा प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर अखिलेश सरकार को घेर रही हैं, वहीँ विपक्ष नोटबंदी के फैसले को भी चुनावी मुद्दा बना रहा है.
यूपी विधानसभा में कुल 403 सीटें हैं. 2012 के विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी ने 224 सीट जीतकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी. पिछले चुनावों में बसपा को 80, बीजेपी को 47, कांग्रेस को 28, रालोद को 9 और अन्य को 24 सीटें मिलीं थीं.