इलाहाबाद। पीसीएस 2015 का इंटरव्यू 22 दिसम्बर से 24 फरवरी तक होगा। 22 व 24 दिसम्बर को एक बोर्ड जबकि जनवरी से दो बोर्ड साक्षात्कार लेंगे। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के परीक्षा नियंत्रक प्रभुनाथ की ओर से बुधवार को जारी विज्ञप्ति के अनुसार साक्षात्कार की तिथियां व अन्य विवरण अलग से दिया जाएगा।
आयोग ने मंगलवार को मुख्य परीक्षा का परिणाम घोषित किया था। डिप्टी कलेक्टर, डिप्टी एसपी समेत विभिन्न प्रकार के 527 पदों के लिए 1578 अभ्यर्थी साक्षात्कार के लिए सफल हुए हैं। अध्यक्ष डॉ. सुनील कुमार जैन का कहना है कि सदस्यों की संख्या कम होने के बावजूद छात्रहित को देखते हुए लोअर सबऑर्डिनेट 2013 और पीसीएस-15 के इंटरव्यू साथ कराने का निर्णय लिया गया है।
वहीं दूसरी ओर, आयोग अध्यक्ष ने पीसीएस-15 के रिजल्ट पर उठे सवालों को सिरे से खारिज किया है। उनका कहना है कि छात्रों के बीच भ्रम फैलाया जा रहा है। रिजल्ट देने में जल्दबाजी की जो बात हो रही है, उसके पीछे आयोग की मंशा जल्द से जल्द चयन प्रक्रिया पूरी करने की है ताकि योग्य अभ्यर्थी नौकरी पाएं। रिजल्ट में किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं हो रही। प्रतियोगी छात्र आधारहीन बातों में आने की बजाय तैयारी में मन लगाएं।
गौरतलब है कि 30 नवम्बर से लोअर सबऑर्डिनेट 2013 का इंटरव्यू शुरू हुआ है जो 4 फरवरी तक चलेगा। वर्तमान में अध्यक्ष के अलावा सिर्फ तीन सदस्य होने के कारण परेशानी हो रही है।
पीसीएस-15 में नहीं हुई ओवरलैपिंग
पीसीएस-15 के रिजल्ट में ओवरलैपिंग नहीं हुई है। सूत्रों के अनुसार मुख्य परीक्षा के परिणाम में ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों को सामान्य में क्वालिफाई नहीं किया गया है। यही नहीं ओबीसी और सामान्य की मेरिट में 40 से अधिक नंबर तक का अंतर है। गौरतलब है कि पूर्व के परिणामों में ओवरलैपिंग की शिकायत होती रही है।
पीसीएस के परिणाम से प्रतियोगियों में नाराजगी
प्रतियोगी छात्रों ने पीसीएस-15 का परिणाम मानक का पालन किए बगैर जल्दबाजी में घोषित करने का आरोप लगाया है। छात्रों का कहना है कि मंगलवार को उन्होंने ज्ञापन देकर रिजल्ट का पुनर्मूल्यांकन और हाईकोर्ट में लंबित वाद का निटारा करने के बाद परिणाम घोषित करने का अनुरोध किया था। लेकिन आयोग ने महज दो घंटे में स्केलिंग करके रिजल्ट दे दिया। इससे छात्र बहुत अधिक दु:खी हैं और पूरे प्रकरण को न्यायालय के समक्ष रखेंगे। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी अवनीश पांडेय का दावा है कि रिजल्ट में तय मानक का पालन किए बगैर रिजल्ट दे दिया गया।