लखनऊ। कोरोना वायरस के चलते लागू लॉकडाउन का सहयोग करें, क्योंकि यह आपके और सभी के स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। सीएम योगी ने बताया यूपी की जेलों में बंद करीब 11 हजार बंदियों को 8 सप्ताह के लिए पैरोल या बेल पर छोडऩे का निर्णय लिया गया है। यह कार्रवाई तत्काल शुरू की जा रही है। इसमें 8500 विचाराधीन और 2500 सिद्धदोष बंदी शामिल हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि उत्तर प्रदेश विधिक सेवा और अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार कुमार अवस्थी व डीजी जेल आनंद कुमार की कमेटी ने बंदियों की रिहाई के लिए मंथन किया है। इसके बाद निर्णय लिया गया है कि उत्तर प्रदेश की जेलों में बंद करीब 11 हजार बंदियों को पैरोल या जमानत देकर तय समय के लिए छोड़े जाने की व्यवस्था की गई है। सीएम ने बताया कि पैरोल सामान्य प्रक्रिया के तहत दिया जाएगा और जमानत के लिए जिला जज संबंधित जेलों में जाकर यह बेल उपलब्ध कराएंगे। यह प्रक्रिया तत्काल शुरू होने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन की स्थिति में विभिन्न समस्याओं से निपटने के लिए पहले ही 11 कमेटियों का गठन किया गया है। ये कमेटियां नागरिकों की जरूरतों को पूरा करने का काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के नागरिक बड़ी संख्या में देश के अन्य राज्यों में रोजगार के सिलसिले में रहते हैं। इनको भी वहीं मदद पहुंचाने के लिए नोडल अधिकारी तैनात किये जा चुके हैं। शुक्रवार को जहां 12 राज्यों में नोडल अधिकारी तैनात किए गए थे, वहीं शनिवार को हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, उड़ीसा, लद्दाख के साथ दक्षिण में केरल, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ के साथ पूर्वोतर के राज्यों में भी नोडल अधिकारी तैनात किए हैं। जो लोग दूसरे राज्यों में हैं, वहां कारोबार और नौकरी कर रहे हैं, वे नोडल अधिकारियों से संपर्क कर हर तरह की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि यह लॉकडाउन लोगों के स्वास्थ्य और उनके भविष्य के लिए बहुत जरूरी है। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए इसका पालन करना जरूरी है। क्योंकि जरा सी लापरवाही इस देश में भी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है। दुनिया के जिन देशों ने थोड़ी भी लापरवाही की है वहां की स्थिति हम आज देख सकते हैं। इसलिए यूपी के नागरिक लॉकडाउन का पूरा समर्थन करें, जहां हैं वहीं रहें। सभी सुविधाएं वहीं पर उपलब्ध कराई जाएंगी।