मुंबई। मैरीटाइम इंडिया उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज के समय में मैरीटाइम यातायात जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुका है। बाबा साहेब अंबेडकर की नदियों, जल परिवहन और सामुद्रिक यातायात के प्रति लगाव को देखते हुए इस आयोजन के लिए आज के दिन का चयन किया गया ।
डॉ अंबेडकर थे जनक
इस मौके पर उन्होंने कहा कि बहुत से लोगों को ये पता नहीं होगा डॉ अंबेडकर भारत में जलनीति, नदियों को जोड़ने और सामुद्रिक यातायात के नियंता थे। डॉ अंबेडकर सेंट्रल वाटरवेज, इरिगेशन एंड नेविगेशन कमीशन और सेंट्रल टेक्निकल पावर बोर्ड के जरिए देश को जल यातायात और ऊर्जा के क्षेत्र में शक्तिशाली बनाना चाहते थे।
गरीबों की भलाई के लिए बाबा साहेब नई जलनीति पर बल देने की बात कहा करते थे। भारत सरकार बाबा साहेब के सपनों को साकार करने के लिए जलनीति, नौपरिवहन नीति पर खासा ध्यान दे रही है। और यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
मैरीटाइम यातायात के विकास की जरूरत
पीएम ने कहा कि मैरीटाइम यातायात के विकास के लिए हमें नए सिरे से सोचने की जरूरत है। इस बात का ख्याल रखना होगा कि मैरीटाइम यातायात की वजह से सामुद्रिक जीवों पर किसी तरह का बुरा प्रभाव न पड़े। जिस तरह से जलवायु परिवर्तन हो रहा है कि उससे साफ है कि समुद्र में होने वाली गतिविधियों से ग्लेशियर्स पर असर पड़ रहा है। लेकिन आज के समय में यातायात के सभी साधनों में मैरीटाइम यातायात पर्यावरण के अनुकूल है।
भारत के पास अपार संभावनाएं
पीएम ने कहा कि भारत की इतनी लंबी सामुद्रिक सीमा में अपार संभावनाएं हैं। जिसके उचित इस्तेमाल की जरूरत है। भारत सरकार इस सेक्टर में एक लाख करोड़ के निवेश पर काम कर रही है ताकि भारत के नौजवानों को बड़ी संख्या में रोजगार मिल सके।
सी रूट को न भूलें
सी रूट का भूल जाना एक यादगार यात्रा को भूलने जैसा है आज के समय में भारत आने का बेहतर मौका है खास तौर से अगर कोई सी रूट से आए तो उसकी यात्रा और यादगार हो जाएगी। मछलियों को पकड़ने के लिए सरकार अत्याधुनिक सुविधाओं वाली नौकाओं के विकास पर बल दे रही है। इससे भारतीय मछुआरे भारत के विशिष्ट आर्थिक संसाधनों का फायदा उठा सकेंगे। पीएम ने कहा कि सामुद्रिक यातायात से हम न केवल व्यापार करते हैं बल्कि दुनिया की अलग अलग सभ्यताएं एक दूसरे से जुड़ती हैं।
इससे पहले उन्होंने बी आर अंबेडकर की 125वीं जयंती पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी।