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भारत-फ्रांस ने किए 16 समझौतों पर हस्ताक्षर

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नई दिल्ली। फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलोंद ने आज इस बात की पुष्टि की कि करीब 60 हजार करोड़ रूपए का राफेल लड़ाकू विमान सौदा सही दिशा में आगे बढ़ रहा है और यह अगले 40 वर्ष के लिए अभूतपूर्व द्विपक्षीय औद्योगिक एवं प्रौद्योगिकी सहयोग का मार्ग प्रशस्त करेगा।
 इस बारे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या ओलोंद की सरकारी यात्रा के दौरान भारत द्वारा 36 लड़ाकू विमानों की खरीद के सौदे को अंतिम रूप दिया जा सकेगा या नहीं। ओलोंद की भारत यात्रा आज से चंडीगढ़ से शुरू हो गई। अप्रैल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की फ्रांस यात्रा के दौरान इस सौदे की घोषणा की गई थी।  ओलोंद ने आज से शुरू हो रही अपनी यात्रा से पहले मिडिया को दिए साक्षात्कार में कहा, ” हम सही दिशा में हैं। व्यवस्था के तकनीकी पहलुओं पर सहमत होने में समय लगता है।   उन्होंने यह भी कहा कि रक्षा क्षेत्र में भारत..फ्रांस सहयोग हमारे सामरिक गठबंधन का हिस्सा है। यह हमारे दोनों देशों के आपसी विश्वास और बेहद मजबूत भरोसे पर आधारित है। उन्होंने कहा, ” राफेल भारत और फ्रांस के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना है। यह अगले 40 वर्षो के लिए ‘मेक इन इंडिया समेत अभूतपूर्व औद्योगिक एवं प्रौद्योगिकी सहयोग का मार्ग प्रशस्त करेगा। पठानकोट आतंकी हमले और भारत में पाकिस्तान से पोषित आतंकी हमले के बारे में एक सवाल के जवाब में ओलोंद ने कहा, ” फ्रांस कठोर शब्दों में पठानकोट आतंकी हमले की निंदा करता है।
भारत ने ऐसे हमलों को अंजाम देने वालों को न्याय के कटघरे में खड़ा करने की उचित मांग की है।ÓÓ  फ्रांस के राष्ट्रपति ने लिखित साक्षात्कार में कहा, ” भारत और फ्रांस एक तरह के खतरों का सामना कर रहे हैं। हम पर हत्यारे हमला कर रहे हैं जो धार्मिक आधार पर काम करने का दिखावा करते हैं। उनकी असली मंशा व्यापक घृणा फैलाना है। वे हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों और हमारी जीवन पद्धति को कमतर करना चाहते हैं। भारत और फ्रांस आतंकवाद के खिलाफ साथ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता को लेकर एकजुट हैं।ÓÓ
 फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलोंद के साथ साक्षात्कार का ब्यौरा निम्नलिखित है :
 प्रश्न : श्रीमान राष्ट्रपति, आप फ्रांस के पांचवे राष्ट्राध्यक्ष हैं जो भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे, यह भारत और फ्रांस के बीच बढ़ते सामरिक संबंधों को प्रदर्शित करता है।
 उत्तर : मैं भारत की सरकारी यात्रा पर दूसरी बार आ रहा हूं और मैं गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि बनने से काफी गर्व महसूस कर रहा हूं। भारत फ्रांस संबंध साझा मूल्यों, स्वतंत्रता, लोकतंत्र और प्रगति पर आधारित है।
 राजपथ पर फ्रांस के सैनिकों का एक दस्ता मार्च करेगा। यह ऐतिहासिक है। 35वीं इंफैंटरी का सृजन 1604 में किया गया था। पिछले सप्ताह के दौरान इसने आतंकवाद निरोधक अभ्यास में राजस्थान में भारतीय सेना के साथ हिस्सा लिया। मैं यह कहना चाहूंगा कि इसने भारत में 1780 में ईस्ट इंडिया कंपनी के सैनिकों के साथ मैसूर के शासकों के साथ मिलकर युद्ध किया था। मैंने प्रधानमंत्री मोदी की पेरिस में करीब एक वर्ष पहले आगवानी की। हमने विश्वास के आधार पर संबंध बनाए हैं। और अपने संबंधों के स्तर को और आगे बढ़ाया है।
 प्रश्न : क्या आप मानते हैं कि ए संबंध पूरी क्षमता को हासिल कर पाए हैं या क्या इसमें और अधिक गुंजाइश है ? अगर हां, तब वे कौन से क्षेत्र हैं जिनमें आप चाहते हैं कि दोनों देश अपने सहयोग को और बढ़ाएं ?
 उत्तर : मैं भारत इसलिए भी आया हूं ताकि रक्षा, अतंरिक्ष और असैन्य परमाणु उूर्जा जैसे कई क्षेत्रों में हमारे सहयोग को और मजबूत बनाया जा सके। इसके साथ ही हम शिक्षा, शोध, संस्कृति में भी सहयोग बढाएंगे। हमारा सहयोग जलवायु परिर्वतन, स्वच्छ उूर्जा के क्षेत्र में भी होगा जो अभूतपूर्व महत्व का विषय बन गया है।

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