जयपुर. राज्य में करीब पांच साल बाद फिर बड़ी जहरीली शराब दुखांतिका हुई है। बाड़मेर में हुई इस घटना में अब तक बीएसएफ के दो जवानों सहित 13 लोगों की मौत हो चुकी है। 32 जने अस्पताल में जिन्दगी और मौत से जूझ रहे हैं। तीन दिन से चल रहे इस मौत के खेल के बावजूद सरकार की नींद बुधवार देर रात टूटी। कार्रवाई को लेकर पूछे जाने के बाद आनन-फानन में सरकार ने जांच बिठाते हुए पुलिस व आबकारी विभाग के सात कार्मिकों को निलम्बित किया, इनमें भी अधिकतर निचले स्तर के कर्मचारी हैं। जबकि प्रत्येक मृतक आश्रित को 75 हजार रुपए की मदद की घोषणा की। मामले की जांच संभागीय आयुक्त को सौंपी गई है।
जीवन नहीं, कमाई की चिंता
सरकार के लिए मोटी कमाई का जरिया बने आबकारी विभाग ने एक अप्रेल से नई आबकारी नीति लागू की है। इसी वजह से विभाग के उच्चाधिकारियों ने रविवार को दुखांतिका सामने आने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। जबकि नई शराब की दुकानें खुलवाने के लिए पल-पल की सीधी रिपोर्ट ली जा रही थी। फिलहाल आबकारी आयुक्त ओ.पी. यादव के स्थान पर इस पद का कार्यभार संभाल रहे वित्त सचिव प्रवीण गुप्ता से सम्पर्क का कई बार प्रयास किया गया, लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला।
सरकार बता रही 7 मौतें
बाड़मेर में 13 मौतें हो चुकी हैं, लेकिन आबकारी विभाग से लेकर उच्चाधिकारी तक मरने वालों की संख्या सात बता रहे हैं। आबकारी विभाग का तो यहां तक कहना है कि जिस जहरीली शराब से दुखांतिका हुई है, वह उनकी दुकानों से नहीं बेची गई। उधर, स्थानीय पुलिस का कहना है कि हरियाणा निर्मित इम्पैक्ट और नैना ब्रांड की शराब से यह मौतें हुई हैं।
विष कानून में हो कार्रवाई
जानकारों के मुताबिक सरकार ने जहरीली शराब से मौत के मामले में कुछ साल पहले विष कानून के तहत कार्रवाई का प्रावधान किया था। लेकिन अभी तक यह कोई नहीं बता पा रहा कि इस कानून के तहत कार्रवाई हुई या नहीं। पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार ने ऐसे मामलों में पुलिस और आबकारी विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराते हुए क्षेत्र के पुलिस थानाधिकारी, वृत्ताधिकारी, जिला आबकारी अधिकारी, सहायक आबकारी अधिकारी, प्रहराधिकारी, प्रवर्तन निरीक्षक और बीट कांस्टेबल के तत्काल निलम्बित किए जाने का प्रावधान किया था। लेकिन सरकार ने गडऱा रोड के थानाधिकारी बाबूलाल, प्रहराधिकारी आईदान सिंह, विशाला चौकी के कांस्टेबल हिन्दूसिंह, जमादार कमल सिंह व भाकर सिंह, कांस्टेबल बियाराम और सिपाही हनीफ सिंह को निलम्बित किया है।
इनकी गई जान
दुखांतिका में तपनदास (बीएसएफ), भालसिंह (बीएसएफ), नवगुणसिंह, गुलाराम, धनाराम, खीमाराम, विरधाराम, मंगलाराम, भीखाराम, रामाराम, पूरसिंह, पपूराम, मदनराम की मृत्यु हो चुकी है।
विधानसभा में भी उठा मामला
विधानसभा में पॉइन्ट ऑफ इनफोरमेशन के जरिए कांग्रेस के सुखराम विश्नोई ने शराब दुखांतिका का मामला उठाते हुए सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की।
बीएसएफ ने की जांच शुरू
शराब दुखांतिका से बीएसएफ के जवानों की मौत के मामले में बीएसएफ ने भी अपनी ओर से जांच शुरू कर दी है। बीएसएफ के शीर्ष अधिकारियों के मुताबिक जांच यह की जा रही है कि जहरीली शराब जवानों के पास कहां से पहुंची।
घटना को लेकर दोषी अभी तक किसी को नहीं माना गया है। जांच कराई जा रही है। – महावीर खराड़ी, अतिरिक्त आयुक्त प्रशासन उदयपुर।
शराब नहीं पीने की अपील
बाड़मेर जिले में सात लोगों की मौत की जानकारी मिली है। क्षेत्र में शराब नहीं पीने की अपील की गई है और टीमें गठित कर जांच कराई जा रही है। – रतन लाहोटी, संभागीय आयुक्त जोधपुर